क्या मुख्य सचिव ने माघ मेला 2026 की तैयारियों पर कसी लगाम?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्य सचिव ने सभी विभागों को समय पर कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया है।
- 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं की संभावना के चलते प्रशासन सक्रिय है।
- स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
- मेला क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है।
- सभी अवसंरचनात्मक कार्य 15 दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे।
लखनऊ, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एसपी गोयल ने माघ मेला 2026 की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा करते हुए सभी विभागों को चेतावनी दी है कि मेले से जुड़े सभी कार्य हर हाल में समय पर पूरे हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां भी काम पीछे है, वहां तुरंत गति लाई जाए। इस बार 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना को देखते हुए प्रशासन मेले को और अधिक सुविधाजनक, विस्तृत और सुरक्षित बनाने में जुटा है।
मुख्य सचिव ने सभी कार्यदायी संस्थाओं को सख्त निर्देश दिए कि माघ मेला प्रारंभ होने से पूर्व कोई भी कार्य अधूरा न रहे। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी मौके पर जाकर निरंतर समीक्षा करें और प्रगति संतोषजनक न मिलने पर तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि मेला क्षेत्र में स्वच्छता व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए प्रमुख मार्गों पर पर्याप्त साइनेज लगाए जाएं। अस्थायी चिकित्सालयों में सभी आवश्यक दवाएं, उपकरण और चिकित्सा स्टाफ की तैनाती पूर्व निर्धारित समय से पूरी कर ली जाए।
गोयल ने कहा कि सभी शिविरों में विद्युत और पेयजल कनेक्शन समय पर लगाए जाएं। विद्युत आपूर्ति पूरी तरह सुरक्षित हो और फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम पहले ही सुनिश्चित कर लिए जाएं। समीक्षा बैठक में बताया गया कि 3 जनवरी से 15 फरवरी 2026 तक चलने वाले माघ मेला 2026 में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस बार मेला क्षेत्र का व्यापक विस्तार किया जा रहा है— स्नान घाट की लंबाई 2 किमी से बढ़ाकर 2.8 किमी, सेक्टरों की संख्या 5 से 7, कुल क्षेत्रफल 750 से 800 हेक्टेयर, पार्किंग स्थल 30 से 42, पॉन्टून पुल 6 से 7, संस्थाएं 4599 से 4900 और स्वच्छता के लिए बड़े प्रबंध किए जाएंगे— 23,700 सामुदायिक शौचालय, 2000 यूरिनल, 06 कंटेनर शौचालय, कूड़ा उठान के लिए 25 हॉपर-टिपर, 12 कॉम्पैक्टर, 8000 कूड़ेदान और साफ-सफाई के लिए 3300 कर्मचारी 24×7 तैनात रहेंगे।
जल निगम ने बताया कि इस बार मेला कार्य 25 दिन पहले शुरू किया गया है और 15 दिसंबर तक सभी कार्य पूरे हो जाएंगे। प्री-फैब एसटीपी का उपयोग किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी ने बताया कि सभी पॉन्टून पुल, मनसैता पुलिया, चकर्ड प्लेट मार्ग आदि 15 दिसंबर तक तैयार कर लिए जाएंगे। विद्युत विभाग ने आश्वासन दिया कि विद्युतीकरण के सभी कार्य 15 दिसंबर तक पूरी तरह संपन्न हो जाएंगे। आरएमयू और सभी पोलों पर क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं। चिकित्सा व्यवस्था के तहत— दो 20-शैय्या अस्पताल, 12 प्राथमिक उपचार केंद्र, 50 एम्बुलेंस, 5 आयुर्वेदिक व 5 होम्योपैथिक चिकित्सालय 25 दिसंबर से कार्यात्मक होंगे। वेक्टर कंट्रोल यूनिट 1 दिसंबर से सक्रिय है। वर्तमान में भूमि समतलीकरण 90–95 प्रतिशत और मुख्य मार्गों का चिन्हांकन 95 फीसदी पूर्ण हो चुका है।
शौचालय, टेंटेज और अन्य निविदाएं पूर्ण हो चुकी हैं। सभी सेक्टरों के कार्यालय स्थापित कर दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि 15 दिसंबर 2025 तक सभी अवसंरचनात्मक कार्य पूरी तरह समाप्त हो जाने चाहिए, ताकि मेले का संचालन समय पर और सुचारू रूप से हो सके।