क्या महागठबंधन फटी हुई छतरी है, सहारे से जो उड़ेगा वो गिरेगा? - मुख्तार अब्बास नकवी

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की स्थिति पर मुख्तार अब्बास नकवी का बयान महत्वपूर्ण है।
- बिहार विधानसभा चुनाव फ्रेंडली फाइट के रूप में देखी जा रही है।
- महागठबंधन में असहमति और प्रतिस्पर्धा का बढ़ता हुआ प्रभाव।
- प्रधानमंत्री मोदी की दीपावली की परंपरा उनके नेतृत्व का एक उदाहरण है।
- बिहार के चुनावी परिदृश्य में अस्थिरता का संकेत।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान फ्रेंडली फाइट को लेकर महागठबंधन पर तीखा हमला किया है। उन्होंने इसे हुड़दंग, हंगामा और हाहाकार का हवा-हवाई तमाशा करार दिया।
बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर राजद और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं, जिसे फ्रेंडली फाइट कहा जा रहा है। इस पर बात करते हुए, भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने महागठबंधन को एक ऐसी छतरी बताया है जो या तो ढह जाएगी या गड्ढे में गिर जाएगी।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेता एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगे हुए हैं। यही कारण है कि इस गठबंधन में रणबांकुरों से ज्यादा रणछोड़ बहादुरों का जलवा देखने को मिल रहा है।
राजद के टिकट बंटवारे पर तंज कसते हुए नकवी ने कहा कि उन्हें लगता है कि जुगाड़ का जमघट सफल हो जाएगा और जनादेश के पनघट तक पहुंच जाएगा, लेकिन यह जुगाड़ विरोधाभासों से भरा है। महागठबंधन में जितने छेद हैं, उससे कहीं ज्यादा महत्वाकांक्षी मतभेद हैं। यह सत्ता-लोलुप गुरुघंटालों का गठजोड़ है, जो एक-दूसरे को गच्चा देने में जुटे हैं।
नकवी ने कहा कि महागठबंधन के कार्यालयों पर सन्नाटा छाया हुआ है। इस गठबंधन ने अफरातफरी और काल्पनिक भ्रम का तूफान खड़ा किया है, जिसका परिणाम यह है कि यह तथाकथित गठबंधन अब फटी हुई छतरी बन चुका है। जो लोग हवा-हवाई बड़ी-बड़ी बातें करते थे, वे अब इसी छतरी के सहारे उड़ने की कोशिश करेंगे, लेकिन उड़ने के बजाय या तो धड़ाम से गिरेंगे या गड्ढे में जा पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दीपावली जवानों के साथ मनाने की परंपरा पर नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री कई वर्षों से जवानों के बीच जाकर दीपावली मना रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है। यह उनकी इच्छाशक्ति और देश की खुशहाली के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी न केवल जवानों, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के साथ उत्सव मनाकर देश की एकता को मजबूत करते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी।