क्या पटना में महागठबंधन की बैठक चुनावी रणनीति को नया मोड़ देगी?

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की बैठक चुनावी रणनीति पर केंद्रित है।
- तेजस्वी यादव के आवास पर बैठक आयोजित की जा रही है।
- एनडीए का सामना करने के लिए सभी दल एकजुट हो रहे हैं।
- महागठबंधन ओबीसी, दलित और आदिवासी वोटरों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
- कांग्रेस ने बूथ स्तर पर एजेंट तैनात किए हैं।
पटना, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ तेज़ी से चल रही हैं। इसी संदर्भ में, महागठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को आयोजित की जा रही है। यह बैठक राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के निवास पर होगी। बैठक में कांग्रेस सहित महागठबंधन के सभी घटक दलों के वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे।
सूत्रों के अनुसार, बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी चुनावों में सत्तारूढ़ एनडीए का सामना करने के लिए गठबंधन की रणनीति को अंतिम रूप देना है।
महागठबंधन के भीतर गठित सभी समितियों ने एनडीए के घटक दलों के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए प्रस्ताव तैयार किए हैं, जिन्हें बैठक के दौरान तेजस्वी यादव और अन्य वरिष्ठ नेताओं के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। महागठबंधन का लक्ष्य है कि एकजुट होकर एक आक्रामक चुनावी अभियान चलाया जाए, जिससे भाजपा नेतृत्व वाले राजग को कड़ी चुनौती दी जा सके।
यह बैठक महागठबंधन की राजनीतिक लामबंदी के बाद हो रही है। 9 जुलाई को महागठबंधन ने राज्यव्यापी बंद और विरोध मार्च का आयोजन किया था, जो चुनाव आयोग की विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के खिलाफ था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। उन्होंने भाजपा सरकार पर विपक्षी समर्थकों के नाम मतदाता सूची से चुनिंदा रूप से हटाने के लिए एसआईआर प्रक्रिया में हेराफेरी करने का आरोप लगाया। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है।
कांग्रेस सचिव शहनवाज आलम के अनुसार, पार्टी ने हर विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर पर एजेंट (बीएलए) तैनात किए हैं और अपने जमीनी स्तर के आउटरीच कार्यक्रमों को एसआईआर जागरूकता अभियान के साथ जोड़ रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को 'माई बहिन मान योजना' के तहत प्रतिदिन 400 घरों का दौरा करने और लोगों को एसआईआर के बारे में शिक्षित करने तथा उन्हें फॉर्म भरने में मदद करने का कार्य सौंपा गया है।
इस बीच, बिहार में चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन विशेष रूप से ओबीसी, दलित और आदिवासी वोटरों को साधने का प्रयास कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया के जरिए केंद्र सरकार वंचित समुदायों के मताधिकार को समाप्त करने की साजिश कर रही है।