क्या महागठबंधन के चुनावी घोषणापत्र में लालू को नहीं मिली जगह? : सम्राट चौधरी

Click to start listening
क्या महागठबंधन के चुनावी घोषणापत्र में लालू को नहीं मिली जगह? : सम्राट चौधरी

सारांश

महागठबंधन का साझा चुनावी घोषणापत्र जारी, जिसमें लालू यादव की अनुपस्थिति पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सवाल उठाए हैं। क्या यह महागठबंधन की दिशा को दर्शाता है?

Key Takeaways

  • महागठबंधन का घोषणापत्र 29 अक्टूबर को जारी हुआ।
  • उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू यादव की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए।
  • घोषणापत्र में रोजगार और महिला सशक्तीकरण के वादे शामिल हैं।
  • तेजस्वी यादव की योजनाएं भी घोषणापत्र में हैं।
  • महागठबंधन ने 25 मुख्य कार्यों का संकल्प लिया।

पटना, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने अपना साझा चुनावी घोषणापत्र प्रस्तुत किया है, जिस पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि घोषणापत्र में लालू यादव की अनुपस्थिति दर्शाती है कि उन्हें कोई स्थान नहीं दिया गया है।

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "जिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जनता विलेन मानती है, उस पार्टी का भविष्य क्या होगा। पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जनता विलेन मानती थी। अब राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव ही उन्हें विलेन मान रहे हैं। उनके चुनावी घोषणापत्र में कोई स्थान नहीं है।"

सम्राट चौधरी ने राजद और तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष को घोषणापत्र में स्थान न मिले। ऐसा लगता है कि महागठबंधन अब ध्यान नहीं दे रहा है।

महागठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मंगलवार को संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया, जिसका नाम 'बिहार का तेजस्वी प्रण' रखा गया है। इस पत्र के माध्यम से महागठबंधन ने 25 मुख्य कार्यों के माध्यम से बिहार में बदलाव की बात की है और तरक्की का नया इतिहास लिखने का संकल्प लिया है।

इस घोषणापत्र में तेजस्वी यादव की 'माई बहिन मान योजना', 'हर घर सरकारी नौकरी', और 200 यूनिट मुफ्त बिजली जैसे नए वादे शामिल हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस समेत अन्य दलों के नेताओं ने मिलकर इस घोषणापत्र को जारी किया।

महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा के बाद जारी इस साझा चुनावी घोषणापत्र में अलग-अलग खंड बनाए गए हैं। रोजगार और युवा खंड के माध्यम से नौकरी के वादे किए गए हैं, वहीं दिव्यांग वर्ग के लिए भी योजनाओं का वादा किया गया है। पत्र में शिक्षा सुधार, जन स्वास्थ्य और चिकित्सा सुरक्षा, महिला सशक्तीकरण, सामाजिक न्याय और वंचित समुदाय के लिए भी कई घोषणाएं की गई हैं।

इसके अतिरिक्त, पत्र में कृषि, किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी वादे किए गए हैं और गरीबों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत करने का दावा किया गया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि महागठबंधन का घोषणापत्र बिहार की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है। सम्राट चौधरी का बयान दर्शाता है कि लालू यादव की अनुपस्थिति से उनके समर्थकों में निराशा हो सकती है। यह स्थिति महागठबंधन को एक नई चुनौती दे सकती है।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

महागठबंधन का घोषणापत्र कब जारी किया गया?
महागठबंधन का घोषणापत्र 29 अक्टूबर को जारी किया गया।
घोषणापत्र में किसकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाया गया?
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू यादव की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया।
घोषणापत्र में कौन-कौन से वादे शामिल हैं?
तेजस्वी यादव की 'माई बहिन मान योजना', 'हर घर सरकारी नौकरी' और 200 यूनिट मुफ्त बिजली जैसे वादे शामिल हैं।
महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा कौन है?
महागठबंधन ने अभी तक मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा नहीं की है।
इस घोषणापत्र का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस घोषणापत्र का उद्देश्य बिहार में बदलाव लाना और तरक्की का नया इतिहास लिखना है।