क्या महाराष्ट्र में जन्म प्रमाणपत्र घोटाला है? किरीट सोमैया का बड़ा खुलासा!

Click to start listening
क्या महाराष्ट्र में जन्म प्रमाणपत्र घोटाला है? किरीट सोमैया का बड़ा खुलासा!

सारांश

महाराष्ट्र में चल रहे फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले पर भाजपा नेता किरीट सोमैया ने चौंकाने वाली जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने 42,189 अपात्र बांग्लादेशी नागरिकों के जन्म प्रमाणपत्र रद्द किए हैं। इस मुद्दे की गंभीरता पर जानें विस्तार से।

Key Takeaways

  • महाराष्ट्र सरकार ने 42,189 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र रद्द किए।
  • घोटाले में अकोला और अमरावती प्रमुख स्थान हैं।
  • विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
  • बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों का मामला।
  • सरकार ने ठेकेदारों को बांग्लादेशी नागरिकों को नौकरी न देने का निर्देश दिया है।

मुंबई, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र में चल रहे फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले को लेकर एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उनके अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने पिछले दो महीनों में 42,189 अपात्र बांग्लादेशी नागरिकों के जन्म प्रमाणपत्र रद्द किए हैं।

इनमें से 11,053 मूल जन्म प्रमाणपत्रों को वापस ले लिया गया है। यह घोटाला अकोला और अमरावती जैसे जिलों में केंद्रित रहा है, जहां क्रमशः 3,048 और 2,823 घुसपैठियों को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र प्रदान किए गए थे।

सोमैया ने बताया कि यह घोटाला राज्य में बड़े पैमाने पर फैला हुआ है, जिसमें बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से भारतीय नागरिकता के प्रमाणपत्र दिए गए हैं। उन्होंने इस मामले को “महाराष्ट्र के इतिहास का सबसे खतरनाक घुसपैठ घोटाला” बताया है।

उनकी ओर से पुलिस को प्रस्तुत किए गए 478 पन्नों के सबूतों में अकोला जिले के 52 व्यक्तियों के खिलाफ छह प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने में शामिल थे। ये मामले अकोट, तेल्हारा, बार्शीटाकली, रामदासपेठ, मुर्तिजापुर और पातुर पुलिस थानों में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दर्ज किए गए हैं।

महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जनवरी 2025 में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था, जो जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों में देरी की शिकायतों की जांच कर रहा है।

महाराष्ट्र सरकार ने इस घोटाले को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने विधानसभा में बताया कि मुंबई में ठेकेदारों और डेवलपर्स को बांग्लादेशी नागरिकों को नौकरी न देने का निर्देश दिया गया है। मालेगांव में दो तहसीलदारों को निलंबित किया गया है और जालना जिले में 3,595 फर्जी प्रमाणपत्र रद्द किए गए हैं।

बता दें कि इससे पहले मार्च के महीने में भाजपा नेता सोमैया ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र घोटाला महाराष्ट्र में वर्ष 2024 में हुआ, जिसमें नायब तहसीलदार को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं था, फिर भी उन्होंने लगभग 40 हजार लोगों को गैर कानूनी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र दिए थे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि इस घोटाले ने न केवल महाराष्ट्र की कानून-व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि यह हमारे देश की सुरक्षा को भी प्रभावित कर रहा है। हमें इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या महाराष्ट्र सरकार ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के खिलाफ कार्रवाई की है?
जी हाँ, महाराष्ट्र सरकार ने पिछले दो महीनों में 42,189 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र रद्द किए हैं।
क्या इस घोटाले में पुलिस ने कोई कार्रवाई की है?
हां, पुलिस ने 478 पन्नों के सबूतों के आधार पर 52 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
क्या एसआईटी का गठन किया गया है?
जी हां, जनवरी 2025 में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था।
क्या इस घोटाले का दायरा बड़ा है?
हां, यह घोटाला बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों से संबंधित है।
क्या सरकार ने कोई रोकथाम के उपाय किए हैं?
जी हां, सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जैसे ठेकेदारों को बांग्लादेशी नागरिकों को नौकरी न देने का निर्देश।