क्या महर्षि वाल्मीकि ने सनातन संस्कृति का संदेश दिया? - ब्रजेश पाठक

Click to start listening
क्या महर्षि वाल्मीकि ने सनातन संस्कृति का संदेश दिया? - ब्रजेश पाठक

सारांश

लखनऊ में महर्षि वाल्मीकि जयंती पर उपमुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रदेशवासियों और वाल्मीकि समाज को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि के योगदान को सराहा और उनके संदेश को आज के समाज में महत्वपूर्ण बताया। आइए, जानते हैं इस अवसर पर उन्होंने क्या कहा।

Key Takeaways

  • महर्षि वाल्मीकि का योगदान भारतीय संस्कृति में अमूल्य है।
  • उनका संदेश आज भी समाज में प्रासंगिक है।
  • उपमुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जयंती पर श्रद्धा अर्पित की।
  • वाल्मीकि रामायण की पूजा हर घर में होती है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्र साधना की भी सराहना की गई।

लखनऊ, 7 अक्‍टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों और वाल्मीकि समाज को शुभकामनाएं दीं। उन्‍होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने सनातन संस्कृति का संदेश दिया।

उपमुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि जयंती के मौके पर पूरे प्रदेशवासियों की ओर से महर्षि वाल्मीकि के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। महर्षि वाल्मीकि ने पूरी दुनिया को सनातन संस्कृति का जो संदेश दिया है, वह आज भी जन-जन में वाल्मीकि रामायण के रूप में हर घर में पूजा जाता है। उन्होंने भगवान राम के चरित्र से दुनिया को सबसे पहले परिचित कराया। उनका योगदान भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के लिए अतुलनीय है। ऐसे महापुरुष महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर प्रदेशवासियों और वाल्मीकि समाज को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

ब्रजेश पाठक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्‍स पर एक पोस्ट में लिखा, ''आज लखनऊ में लालबाग वाल्मीकि एकता समिति द्वारा महाकाव्य रामायण के रचनाकार आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती के शुभ अवसर पर आयोजित ''माल्यार्पण एवं प्रसाद वितरण'' कार्यक्रम में सम्मिलित होकर महर्षि वाल्मीकि जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें कोटिश: नमन करते हुए प्रसाद वितरण किया।''

इसके अलावा, उन्‍होंने एक अन्‍य पोस्‍ट में लिखा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्र साधना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री जी के सार्वजनिक जीवन के 24 वर्षों की राष्ट्र साधना की यह यात्रा न केवल एक राजनीतिज्ञ के रूप में आपकी प्रतिबद्धता, परिश्रम और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है, बल्कि देश के प्रति आपकी अटूट सेवा भावना और दूरदर्शिता का भी परिचायक है।''

उन्‍होंने पोस्‍ट में आगे लिखा, ''आपके 25 वर्षों की यह यात्रा करोड़ों देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आपके नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भरता, नवाचार और समग्र विकास की दिशा में निरंतर अग्रसर है। इस अवसर पर हम आपके उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और सतत सफलता की कामना करते हैं।''

Point of View

NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

महर्षि वाल्मीकि का योगदान क्या है?
महर्षि वाल्मीकि ने वाल्मीकि रामायण की रचना की, जो भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
महर्षि वाल्मीकि जयंती कब मनाई जाती है?
महर्षि वाल्मीकि जयंती हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है।