क्या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महिलाओं की सुरक्षा में विफल हो गईं हैं?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है।
- सीएम ममता बनर्जी की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- सुवेंदु अधिकारी ने गृह विभाग पर भी सवाल उठाया है।
- दुर्गापुर में एक छात्रा के साथ घटी घटना ने सुरक्षा पर गंभीरता को बढ़ाया है।
- रात में बाहर जाने पर प्रतिबंध लगाने की बात की गई है।
पूर्व मेदिनीपुर, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर तीखा प्रहार किया है। अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी ने यह स्वीकार किया है कि वे महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकतीं, इसलिए उन्होंने यह आदेश दिया है कि महिलाएं रात में बाहर न जाएं। अधिकारी ने यह भी पूछा कि ऐसे में उनके पास गृह विभाग का क्या औचित्य है?
सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि कमदुनी से लेकर आरजी कर अस्पताल और दुर्गापुर तक, मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे महिलाओं की सुरक्षा में विफल हैं। उन्होंने यह सुझाव दिया कि यदि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती, तो मुख्यमंत्री को रात के समय महिलाओं के लिए लॉकडाउन लागू करना चाहिए। अधिकारी ने कहा कि यह सिर्फ एक शहर या घटना का मामला नहीं है, बल्कि पूरे राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीरता से विचार करने का समय है।
ज्ञात हो कि दुर्गापुर में एक एमबीबीएस छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि लड़कियों को रात में बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
सीएम ने इस घटना के लिए कॉलेज प्रशासन को भी जिम्मेदार ठहराया और पूछा कि छात्रा रात 12:30 बजे बाहर कैसे गई। उनका कहना था कि पीड़िता एक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी, इसलिए इस घटना की जिम्मेदारी कॉलेज की है।
ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि इस मामले में सरकार को सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि छात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज की थी। उन्होंने कहा कि यदि कॉलेज ने सुरक्षा उपायों का पालन किया होता, तो ऐसी घटनाएं नहीं होतीं।
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार की इस तरह के अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति है और किसी भी कीमत पर दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा।