क्या मैं किस बात की माफी मांगूं, कुछ गलत नहीं कहा? अपने बयान पर अडिग एसटी हसन

सारांश
Key Takeaways
- एसटी हसन ने अपने बयान को स्पष्ट किया।
- उन्होंने माफी मांगने से इनकार किया।
- उनका मानना है कि सभी धार्मिक स्थलों का सम्मान होना चाहिए।
- भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
- बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप।
मुरादाबाद, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने शनिवार को उस बयान पर स्पष्टीकरण दिया, जिसे उनके विरोधी विवादित बताकर उन पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने माफी मांगने से इनकार करते हुए पूछा, "मैं किस बात के लिए माफी मांगूं?"
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में एसटी हसन ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई विवादास्पद बयान नहीं दिया था। उन्होंने बताया कि उन्होंने केवल यह कहा था कि जिस तरह से वर्तमान समय में पूरे इकोसिस्टम को नष्ट किया जा रहा है, जंगलों की कटाई हो रही है, और मंदिर, मस्जिद और दरगाहों को ध्वस्त किया जा रहा है, उससे हम प्राकृतिक विपदा को आमंत्रित कर रहे हैं। उनके इस बयान पर कुछ लोग नाराज हो गए, जबकि उन्होंने सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों का उल्लेख करते हुए उत्तराखंड में आई प्राकृतिक विपदा के संदर्भ में बात की थी। दुख की बात यह है कि केवल मस्जिद और दरगाह का ही जिक्र किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह पूरी तरह से गलत है।
उन्होंने सवाल उठाया कि सभी प्रकार के धार्मिक स्थलों में हम अपने रचनाकार की इबादत करते हैं। चाहे धर्म कोई भी हो, सभी का एकमात्र ध्येय अपने रचनाकार को पूजना है। लेकिन, वर्तमान में जिस तरह से सभी धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं, उस पर उनका सवाल है कि क्या इससे हमारा ईश्वर खुश है? वे यह भी कहते हैं कि उनके इस विचार से अन्य लोग भी सहमत होंगे। उन्होंने कहा कि उनके बयान में कुछ भी गलत नहीं है। अगर किसी को लगता है कि उन्होंने कुछ गलत कहा है, तो उन्हें आत्मविचार करने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी को किसी धार्मिक स्थल से आपत्ति है, तो कृपया उसे खाली करवा दें, लेकिन लोग उसे पूरी तरह से नष्ट कर रहे हैं। हाल के समय में 150 साल पुराने धार्मिक स्थलों को भी ध्वस्त किया गया है। यह कहाँ तक उचित है? यदि किसी को किसी धार्मिक स्थल से आपत्ति है, तो उसमें लोगों के आवागमन को बंद करें।
भाजपा द्वारा उनके बयान को राजनीति से प्रेरित बताने पर एसटी हसन ने कहा कि राजनीति वे नहीं, बल्कि भाजपा कर रही है। भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा हमेशा से राजनीति करने वाला रहा है। यह दुखद है कि भाजपा आज भी इस मानवीय मुद्दे पर राजनीति कर रही है, जो निंदनीय है।
सपा नेता ने आरोप लगाया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके बयान में सभी धार्मिक स्थलों का उल्लेख किया गया था, लेकिन केवल मस्जिद और दरगाह पर ही ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अपने बयान के लिए माफी मांगेंगे, तो उन्होंने सवाल किया, "मैं किस बात के लिए माफी मांगूं? क्या मैं नास्तिक हूं? क्या मैं ईश्वर को नहीं मानता?" उन्होंने फिर से कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है। ऐसी स्थिति में माफी मांगने का कोई सवाल नहीं उठता।