क्या मालेगांव ब्लास्ट केस में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के घर से आरडीएक्स नहीं मिला?

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क्या मालेगांव ब्लास्ट केस में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के घर से आरडीएक्स नहीं मिला?

सारांश

क्या मालेगांव ब्लास्ट केस में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के घर से आरडीएक्स नहीं मिला? जानिए अदालत का बड़ा खुलासा और अभियोजन पक्ष की नाकामी के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • कोर्ट ने कहा: कर्नल पुरोहित के घर से कोई आरडीएक्स नहीं मिला।
  • तलाशी में: कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली।
  • अभियोजन: आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं।
  • फॉरेंसिक रिपोर्ट: अदालत ने इसे मान्यता दी।
  • कर्नल का बयान: आरडीएक्स लाने की बात स्वीकार नहीं की।

नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में विशेष एनआईए कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश से एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में आरोपी बने लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित के निवास ए-9 से कोई भी आरडीएक्स, विस्फोटक सामग्री या बम बनाने से संबंधित कोई संदेहास्पद वस्तु नहीं मिली है। जबकि अभियोजन पक्ष ने उन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने घर के लकड़ी के कपबोर्ड में आरडीएक्स छिपाया और वहीं बम तैयार किया। लेकिन, जांच एजेंसियों की रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच ने इस आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया।

कोर्ट के दस्तावेजों के अनुसार, कर्नल पुरोहित के घर की तलाशी दो बार ली गई थी। पहली तलाशी 12 नवंबर 2008 को हुई थी, जिसमें महाराष्ट्र एटीएस को केवल दो सीडी मिलीं। इस दौरान एटीएस को कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। दूसरी तलाशी 26 नवंबर 2008 को हुई, जब संदेह था कि आरोपी ने अपने घर में आरडीएक्स छिपाया है और वहीं बम तैयार किया है। इस जांच में पुणे की फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम को बुलाया गया, जिसने मौके से कई नमूने एकत्र किए और उनकी लैब जांच की। रिपोर्ट में कहा गया कि कहीं भी आरडीएक्स, डेटोनेटर, वायर, घड़ी या अन्य कोई ऐसी वस्तु नहीं पाई गई जिसे बम बनाने में इस्तेमाल किया जा सके।

एफएसएल की इस रिपोर्ट को असिस्टेंट केमिकल एनालाइजर ने तैयार किया था, हालांकि अभियोजन पक्ष ने उन्हें गवाह के रूप में कोर्ट में पेश नहीं किया। इसके बावजूद, अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 293 के तहत इस रिपोर्ट को मान्य साक्ष्य माना। रिपोर्ट में कहा गया कि तलाशी में कोई भी आपत्तिजनक वस्तु या विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। साथ ही, एक गवाह पीडब्लू-309 ने भी कहा कि उन्होंने न तो कर्नल पुरोहित को कभी हथियार या गोला-बारूद देते देखा और न ही उनके घर में आरडीएक्स देखा। खुद कर्नल पुरोहित ने भी किसी भी समय आरडीएक्स लाने या बम बनाने की बात स्वीकार नहीं की।

कोर्ट ने अपने निर्णय में स्पष्ट कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं है जिससे यह साबित हो कि आरोपी ने अपने घर में आरडीएक्स रखा या बम असेंबल किया। अदालत ने कहा कि अभियोजन की यह कहानी पूरी तरह से संदेह और अनुमान पर आधारित है और इसके पक्ष में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया। अदालत ने आगे कहा कि बिना ठोस सबूत के यह मान लेना कि कर्नल प्रसाद पुरोहित ने जम्मू-कश्मीर से आरडीएक्स लाकर अपने घर में छिपाया और बम बनाया, पूरी तरह से अनुमान पर आधारित है। अभियोजन की यह कहानी सबूतों के अभाव में टिक नहीं पाई। अभियोजन पक्ष कर्नल पर लगाए गए आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा।

Point of View

बल्कि यह भी बताती है कि अभियोजन पक्ष को अपने आरोपों को सिद्ध करने में असफल रहा। इस प्रकार की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या न्यायिक प्रक्रिया को सही तरीके से लागू किया जा रहा है।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या कर्नल पुरोहित पर लगे आरोप सही थे?
कोर्ट ने कहा कि आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं है।
तलाशी में क्या मिला?
तलाशी में कोई भी विस्फोटक सामग्री या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
क्या फॉरेंसिक रिपोर्ट को मान्यता मिली?
हां, अदालत ने फॉरेंसिक रिपोर्ट को मान्य साक्ष्य माना।
अभियोजन पक्ष का क्या कहना था?
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि कर्नल ने आरडीएक्स छिपाया है, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
क्या कर्नल पुरोहित ने आरडीएक्स लाने की बात स्वीकार की?
कर्नल पुरोहित ने किसी भी समय आरडीएक्स लाने की बात स्वीकार नहीं की।