क्या निर्माताओं को मालेगांव ब्लास्ट पर फिल्म बनाने का पूरा अधिकार है? : राम कदम

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क्या निर्माताओं को मालेगांव ब्लास्ट पर फिल्म बनाने का पूरा अधिकार है? : राम कदम

सारांश

क्या मालेगांव ब्लास्ट पर फिल्म बनाना उचित है? भाजपा नेता राम कदम ने इस विषय पर अपनी राय रखी है। उनका कहना है कि इस फिल्म से लोगों को मालेगांव बम विस्फोट के पीछे की सच्चाइयों से अवगत कराया जा सकता है। क्या यह सच्चाई को सामने लाने का एक माध्यम हो सकता है?

Key Takeaways

  • राम कदम ने मालेगांव ब्लास्ट पर फिल्म बनाने का समर्थन किया।
  • फिल्म बनाने का उद्देश्य सच्चाई को उजागर करना है।
  • सच्चाई को प्रस्तुत करने में सावधानी बरतनी होगी।
  • इस विषय पर समाज में विभिन्न प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।
  • राजनीतिक दृष्टिकोण से यह विषय महत्वपूर्ण है।

मुंबई, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख नेता राम कदम ने मालेगांव ब्लास्ट पर फिल्म बनाने के पक्ष में बात की है और भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी के बयान का समर्थन किया है। मेधा कुलकर्णी ने सुझाव दिया था कि 'द कश्मीर फाइल्स' की तर्ज पर 'मालेगांव फाइल्स' जैसी फिल्म बनाई जानी चाहिए, जो 2008 के मालेगांव बम विस्फोट की कहानी को उजागर करे। उनका मानना है कि यह फिल्म लोगों को इस घटना से जुड़े कथित अपराधों और सच्चाइयों से अवगत कराएगी।

सोमवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में राम कदम ने कहा कि मेधा कुलकर्णी का मालेगांव फाइल्स पर फिल्म बनाने का सुझाव उचित है, क्योंकि यह साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के उस बयान को बल देता है जिसमें उन्होंने कहा था कि इस मामले में दोषियों का पर्दाफाश हो गया है। उनका कहना था कि न्याय का नियम है कि सत्य को अस्थायी रूप से दबाया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता।

कदम ने यह भी कहा कि मालेगांव विस्फोट मामले में पवित्र भगवा को आतंकवाद से जोड़ने की साजिश की गई थी। उनके अनुसार, गवाहों और एटीएस अधिकारियों पर दबाव डाला गया ताकि हिंदू नेताओं और सनातन धर्म को बदनाम किया जा सके। उन्होंने मांग की कि इस साजिश के पीछे के कांग्रेस नेताओं के नाम उजागर किए जाएं ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वे किसे खुश करना चाहते थे।

एनसीपी (शरदचंद्र पवार) नेता जितेंद्र आव्हाड के सनातन धर्म पर दिए गए बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "आव्हाड का बयान सनातन धर्म की छवि को जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश है। यह 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' (सभी सुखी हों) का संदेश देता है, विश्व को परिवार मानता है और मानवता की सेवा को सर्वोपरि रखता है।"

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या शरद पवार गुट इन मूल्यों को नहीं समझता? कदम ने आरोप लगाया कि एनसीपी (सपा) और कांग्रेस जैसे दल भगवा रंग को आतंकवाद से जोड़कर बदनाम करते हैं, जो उनके लिए पवित्र है। इसे एक विशेष धार्मिक समूह के प्रति तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा करार दिया।

कांग्रेस नेता उदित राज के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं की पूजा और हर जीव-जंतु में ईश्वर का रूप देखने की परंपरा पर आपत्ति जताना गलत है। उन्होंने सावन के पवित्र महीने का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे बयान साधु-संतों और करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, और इसके लिए शरद पवार गुट के नेता बददुआ के हकदार हैं।

बीएमसी चुनावों को लेकर उन्होंने आत्मविश्वास जताते हुए कहा कि महायुति गठबंधन (भाजपा, शिवसेना-एकनाथ शिंदे, और एनसीपी-अजित पवार) पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगा और जीत हमारी होगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र में भाजपा अग्रणी पार्टी बनी रहेगी और महायुति सत्ता में कायम रहेगी। कदम ने कहा कि उनकी पार्टी लोकतंत्र के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति की आवाज उठाती है।

राम कदम ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों की कड़ी आलोचना की। कदम ने ‘अर्बन नक्सलवाद’ का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी एक तरफ संविधान का सम्मान करने का दावा करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ संवैधानिक संस्थाओं, जैसे चुनाव आयोग, पर सवाल उठाकर भ्रम फैलाते हैं और समाज में अशांति पैदा करने की कोशिश करते हैं।

2024 के लोकसभा चुनावों में संविधान बदला जाएगा। जैसे झूठे नैरेटिव फैलाकर वोट हासिल करने में सफल रहे राहुल गांधी, बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी ऐसा करना चाहते हैं।

तेजस्वी यादव के पास दो वोटर कार्ड को लेकर राम कदम ने धांधली का आरोप लगाया, और पूछा कि वोटर लिस्ट में दो नाम कैसे हो सकते हैं?

कदम ने यह भी कहा कि विपक्ष, खासकर बिहार में अपनी संभावित हार को देखते हुए, पहले से ही हार का बहाना बनाने के लिए चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहा है। कोर्ट ने राहुल गांधी को उनके बयानों के लिए फटकार लगाई है, लेकिन वे बचकानी बातें करते हैं।

अभी वह एटम बम की बात कर रहे हैं, मैं पूछना चाहता हूं कि क्यों वह सही मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं, सबूत है तो दिखाओ।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम सच्चाई को उजागर करें। मालेगांव ब्लास्ट पर फिल्म बनाना एक संवेदनशील विषय है, लेकिन इसे एक जिम्मेदार तरीके से करना होगा। जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं, उन्हें सही संदर्भ में प्रस्तुत करना चाहिए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

राम कदम ने मालेगांव ब्लास्ट पर फिल्म बनाने की वकालत क्यों की?
राम कदम का मानना है कि यह फिल्म लोगों को मालेगांव बम विस्फोट से जुड़ी सच्चाइयों से अवगत कराएगी।
क्या यह फिल्म सच्चाई को उजागर कर पाएगी?
हाँ, यदि फिल्म जिम्मेदारी से बनाई जाती है, तो यह सच्चाई को उजागर कर सकती है।
इस फिल्म के निर्माण की आवश्यकता क्यों है?
इस फिल्म के माध्यम से लोगों को मालेगांव ब्लास्ट के पीछे के तथ्यों और घटनाओं से अवगत कराया जा सकता है।
क्या राम कदम का बयान विवादास्पद है?
हाँ, यह बयान विभिन्न दृष्टिकोणों को लेकर विवादास्पद हो सकता है।
क्या यह फिल्म राजनीतिक मुद्दा बन सकती है?
हाँ, मालेगांव ब्लास्ट से जुड़े मुद्दों को लेकर यह फिल्म राजनीतिक चर्चा का विषय बन सकती है।