क्या ममता बनर्जी ने बीएलओ विवाद पर सफाई दी? 'विपक्ष झूठी खबरें फैला रहा है, मैंने फॉर्म नहीं भरा'

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क्या ममता बनर्जी ने बीएलओ विवाद पर सफाई दी? 'विपक्ष झूठी खबरें फैला रहा है, मैंने फॉर्म नहीं भरा'

सारांश

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएलओ विवाद पर विपक्ष की झूठी खबरों का खंडन किया। जानें उनका क्या कहना है और इस विवाद का असली सच क्या है।

Key Takeaways

  • ममता बनर्जी ने बीएलओ विवाद पर स्पष्टता दी है।
  • उन्होंने कहा कि विपक्ष झूठी खबरें फैला रहा है।
  • उन्होंने फॉर्म नहीं भरा है।
  • एसआईआर अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है।
  • विपक्ष के आरोपों का खंडन किया गया है।

कोलकाता, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर चल रहे विवाद पर स्पष्टता प्रदान की। उन्होंने कहा कि उन्होंने फॉर्म नहीं भरा है और विपक्ष द्वारा झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं।

सीएम ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया कि प्रभारी बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) उनके मोहल्ले में आए थे और निवास कार्यालय में मतदाताओं की संख्या के बारे में पूछा तथा फॉर्म दिए। लेकिन, उन्होंने खुद कोई फॉर्म नहीं भरा और न भरेंगी, जब तक राज्य का हर व्यक्ति फॉर्म नहीं भर लेता।

ममता ने कुछ रिपोर्ट्स को ‘पूरी तरह झूठी, भ्रामक और जानबूझकर किया गया दुष्प्रचार’ बताया, जिसमें यह दावा किया गया कि वे बाहर निकलीं और बीएलओ से हाथों-हाथ फॉर्म लिया।

उन्होंने लिखा, "बुधवार को बीएलओ अपने विशिष्ट कार्य के लिए मोहल्ले में आए। वे मेरे निवास कार्यालय में आए, पता किया कि कितने मतदाता हैं, और फॉर्म दिए। जब तक बंगाल का हर व्यक्ति फॉर्म नहीं भरेगा, मैंने खुद कोई फॉर्म नहीं भरा और न भरूंगी। विभिन्न मीडिया और समाचार पत्रों ने लिखा कि ‘मैं बाहर आई और बीएलओ से हाथ से गणना फॉर्म लिया।’ यह खबर सरासर झूठी है।" उन्होंने इसे विपक्षी दलों की साजिश करार दिया।

यह बयान चुनाव आयोग के 4 नवंबर से शुरू एसआईआर के बीच आया है, जिसका मकसद मतदाता सूची को शुद्ध करना है। भाजपा और नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी लगातार आरोप लगा रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) घुसपैठियों को बचाने के लिए अभियान का विरोध कर रही है।

ममता ने पहले कहा था कि एसआईआर से गरीब बंगाली, आदिवासी और अल्पसंख्यक प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने बीएलओ को ‘भाजपा का एजेंट’ तक बताया था।

बता दें कि भारतीय निर्वाचन आयोग ने एसआईआर के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है, जिसमें ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) शासित पश्चिम बंगाल भी शामिल है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि ममता बनर्जी का यह स्पष्टीकरण विपक्ष द्वारा फैलाए गए झूठ के खिलाफ एक मजबूत प्रतिक्रिया है। राजनीतिक विवादों में तथ्य और सत्यता को बनाए रखना आवश्यक है, और इस मामले में ममता ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

ममता बनर्जी ने बीएलओ विवाद पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई फॉर्म नहीं भरा और विपक्ष झूठी खबरें फैला रहा है।
बीएलओ क्या होता है?
बीएलओ का मतलब प्रभारी बूथ लेवल ऑफिसर होता है, जो चुनाव संबंधित कार्यों का प्रबंधन करते हैं।
क्या ममता बनर्जी का बयान चुनाव आयोग के अभियान से संबंधित है?
हाँ, उनका बयान चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान से संबंधित है।
विपक्ष द्वारा क्या आरोप लगाए गए हैं?
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि टीएमसी घुसपैठियों को बचाने के लिए अभियान का विरोध कर रही है।
क्या एसआईआर अभियान से प्रभावित लोग हैं?
ममता ने कहा कि एसआईआर से गरीब बंगाली, आदिवासी और अल्पसंख्यक प्रभावित हो रहे हैं।