क्या 'केसरी चैप्टर 2' के निर्माताओं ने खुदीराम बोस का अपमान किया?

सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी का गुस्सा फिल्म के ऐतिहासिक गलतियों पर है।
- खुदीराम बोस को गलत तरीके से दर्शाया गया है।
- फिल्म का प्रभाव बंगाली संस्कृति पर पड़ सकता है।
- स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
- सरकार खुदीराम बोस की यादों को संरक्षित करने के लिए प्रयासरत है।
कोलकाता, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बॉलीवुड फिल्म 'केसरी चैप्टर 2' के निर्माताओं के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त किया। खुदीराम बोस की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि इस फिल्म में बंगाल के क्रांतिकारी खुदीराम बोस को गलत तरीके से 'खुदीराम सिंह' के नाम से दर्शाया गया है।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में ममता बनर्जी ने कहा कि फिल्म में खुदीराम बोस का नाम गलत तरीके से दिखाना बंगाली भाषा पर हमला है और उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है जिन्होंने अपने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
ममता ने खुदीराम बोस की पुण्यतिथि पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, "क्रांतिकारी खुदीराम बोस की पुण्यतिथि पर मेरा सादर नमन। हाल ही में एक हिंदी फिल्म में खुदीराम को 'सिंह' कहा गया। जिन्होंने देश की आजादी के लिए जान दी, उनका अपमान क्यों किया जा रहा है? क्या अब भाषा को लेकर नफरत फैलाने वाले लोग अमर क्रांतिकारियों को भी नहीं छोड़ेंगे?"
हाल ही में 'केसरी चैप्टर 2' के निर्माताओं के खिलाफ खुदीराम बोस को गलत तरीके से 'खुदीराम सिंह' के रूप में दिखाने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज की गई। यह शिकायत बिधाननगर साउथ थाने में की गई थी। आरोप है कि फिल्म में पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक व्यक्तित्वों को गलत तरीके से दर्शाया गया है।
शिकायत में कहा गया कि फिल्म में खुदीराम बोस को गलत तरीके से 'खुदीराम सिंह' कहा गया है, जबकि बारीन्द्र कुमार घोष को 'बीरेन्द्र कुमार' बताया गया। क्रांतिकारी को अमृतसर का निवासी दिखाया गया जबकि वे पश्चिम बंगाल के थे।
बता दें कि खुदीराम बोस देश के सबसे कम उम्र के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। उन्हें मुजफ्फरपुर बम कांड में शामिल होने के कारण 11 अगस्त 1908 को केवल 18 वर्ष की आयु में फांसी दी गई थी।
ममता बनर्जी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में आगे कहा कि फिल्म में बंगाल के इस वीर सपूत को पंजाब का बेटा दिखाना पूरी तरह गलत है।
उन्होंने कहा, "मेदिनीपुर के इस निडर नौजवान को फिल्म में पंजाब का बेटा दिखाना दुखद और असहनीय है। हम हमेशा उन लोगों का सम्मान करते आए हैं, जो देशभक्ति और बलिदान की मिसाल हैं।"
उन्होंने कहा, "हमारी सरकार खुदीराम बोस की यादों को संरक्षित करने और उनका सम्मान देने के लिए कई कार्य कर रही है। खुदीराम बोस के जन्मस्थान महाबनी और उसके आस-पास के इलाकों के विकास के लिए 'महाबनी डेवलपमेंट अथॉरिटी' बनाई गई है। इसके अलावा, उनके इलाकों में खुदीराम की मूर्ति स्थापित की गई है। पुरानी लाइब्रेरी की मरम्मत की गई है। एक नया और बड़ा ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस रूम और ओपन स्टेज तैयार किया गया है। पर्यटकों के लिए आधुनिक कॉटेज बनाए गए हैं। पुराना खुदीराम पार्क फिर से खूबसूरत बनाया गया है। पूरे इलाके को लाइटों से सजाया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि उनकी सरकार ने कोलकाता में एक मेट्रो स्टेशन का नाम खुदीराम बोस के नाम पर रखा है।