क्या मंडी में फिर से तबाही मची? फ्लैश फ्लड से दो लोगों की मौत, कई वाहन क्षतिग्रस्त

सारांश
Key Takeaways
- मंडी में फ्लैश फ्लड से दो लोगों की जान गई।
- लगातार बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं।
- जिला प्रशासन राहत कार्य में जुटा है।
- मुख्य प्रभावित क्षेत्र जेल रोड है।
- 200 सड़कें अवरुद्ध हैं।
मंडी, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के मंडी में एक बार फिर से विनाशकारी हालात उत्पन्न हुए हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण फ्लैश फ्लड की घटना में मंगलवार को दो लोगों की जान चली गई। सोमवार रात से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मूसलधार बारिश का सिलसिला जारी है। मंडी में भी भारी वर्षा के कारण नदी-नाले उफान पर हैं, जिसके चलते यह गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई। वर्तमान में जिला प्रशासन की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
जानकारी के अनुसार, मंडी के जेल रोड क्षेत्र में अपनी गाड़ियों को सुरक्षित निकालने के लिए कुछ लोग नाले के समीप पहुंचे थे। तभी वे फ्लैश फ्लड की चपेट में आ गए। दो व्यक्तियों के शवों को निकाल लिया गया है, जबकि एक व्यक्ति का शव गाड़ियों के बीच फंसा हुआ हो सकता है।
तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सड़कों पर पानी और मलबा दरिया की तरह बह रहा है। मंडी में मूसलधार बारिश के कारण कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। जेल रोड इलाके में पहाड़ों से पानी के साथ गाद और कीचड़ का मलबा नीचे आया, जिससे दर्जनों गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं।
मूसलधार बारिश सोमवार रात लगभग 11 बजे शुरू हुई और सुबह 4 बजे तक तेज हो गई, जिससे बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक मंडी का जोनल अस्पताल है, जहां नाले ओवरफ्लो होने के कारण परिसर में पानी भर गया।
फ्लैश फ्लड और भूस्खलन के कारण जिले में कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं। गंभीर हालातों के चलते कुछ क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) और राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, 28 जुलाई की शाम तक राज्यभर में 200 सड़कें अवरुद्ध रहीं।
20 जून से 28 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश में 160 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से 90 मौतें सीधे तौर पर भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और बादल फटने जैसी घटनाओं के कारण हुईं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बाकी 74 मौतें इसी अवधि के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में हुईं।