क्या मनरेगा के नाम बदलने पर विपक्ष को राजनीति नहीं करनी चाहिए: आरपी सिंह?
सारांश
Key Takeaways
- मनरेगा का नाम बदलना नई योजनाओं का हिस्सा है।
- विपक्ष का आरोप है कि यह मजदूरों से कानूनी गारंटी छीनने का प्रयास है।
- नई योजना में 125 दिनों का रोजगार मुहैया कराने का वादा किया गया है।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने मनरेगा के नाम बदलने पर कहा कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून - मनरेगा को रद्द करने का विधेयक लाकर भाजपा सरकार देश के करोड़ों मजदूरों से रोजगार की कानूनी गारंटी छीनना चाहती है। उन्होंने कहा कि जो विधेयक लाए हैं, वह देश के करोड़ों मजदूरों, ग्राम सभाओं और ग्राम पंचायतों के खिलाफ है। इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
प्रियंका को जवाब देते हुए, आरपी सिंह ने कहा कि विपक्ष को इस मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष को यह समझ में नहीं आ रहा है कि यह एक नई योजना है और इससे क्या समस्याएँ हैं। पहले 100 दिन थे, अब 125 दिनों की योजना है। गरीबों को अधिक समय का रोजगार मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष राजनीति करना चाहता है, लेकिन लोगों के कल्याण पर कोई चर्चा नहीं करता।
उन्होंने कहा कि मनरेगा का नाम बदलकर जी राम जी नाम रखना कोई बड़ी बात नहीं है। नाम बदलना महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण यह है कि 100 की जगह 125 दिनों की रोजगार गारंटी दी गई है।
नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली कोर्ट द्वारा ईडी की चार्जशीट खारिज करने पर आरपी सिंह ने कहा कि कोर्ट ने केस खारिज नहीं किया है, मामला जारी रहेगा। यह महत्वपूर्ण है, ईडी की चार्जशीट रिवाइज होगी, कोर्ट के तत्वावधान में मामला है, कोर्ट जैसा चाहेगा, वैसा मामला चलेगा। उन्होंने कहा कि जो भी फैसला आएगा, उसका स्वागत करेंगे।
बंगाल में एसआईआर ड्राफ्ट को लेकर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ड्राफ्ट आया है, इसमें रिवीजन का मौका है। बीएलए अपने-अपने क्षेत्रों के अनुसार रिवीजन दे सकते हैं, इसके बाद फाइनल लिस्ट जारी होगी। उन्होंने कहा कि यह ड्राफ्ट दिखाता है कि यहां पर घुसपैठियों ने वोट बना रखे थे, इसीलिए वोट कटे हैं।
वोट चोरी पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में जब राहुल गांधी ने वोटर अधिकार यात्रा निकाली, वोट चोरी का मुद्दा उठाया, और जमीन पर इसका कुछ नहीं दिखा, तो तेजस्वी यादव अलग से यात्रा निकालने लगे। परिणाम सभी जानते हैं। अब्दुल्ला जो कह रहे हैं, वे भी जानते हैं कि वोटर लस्ट के आधार पर वे चुनाव जीते। विपक्ष का एक ही मुद्दा हमेशा से रहा है कि जीते तो चुनाव आयोग और ईवीएम सब ठीक है, और हारे तो वोट चोरी का राग अलापने लगे।