क्या डीएमके मनरेगा संशोधन के विरोध में प्रदर्शन कर रही है?
सारांश
Key Takeaways
- डीएमके का प्रदर्शन 24 दिसंबर को होगा।
- मनरेगा संशोधन का विरोध किया जाएगा।
- प्रदर्शन में कई नेता शामिल होंगे।
- केंद्र सरकार पर आरोप लगाया गया है कि वह ग्रामीणों की आजीविका को प्रभावित कर रही है।
- प्रदर्शन शांतिपूर्ण रूप से आयोजित होगा।
चेन्नई, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) और धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन 24 दिसंबर को सुबह 10 बजे चेन्नई के सभी जिलों में विरोध-प्रदर्शन आयोजित करेंगे। यह प्रदर्शन भाजपा सरकार द्वारा मनरेगा योजना को समाप्त करने के निर्णय की आलोचना और इस कदम के लिए एआईएडीएमके के समर्थन का विरोध करने के लिए होगा।
डीएमके का आरोप है कि केंद्र सरकार मनरेगा में संशोधन कर ग्रामीणों की आजीविका पर सीधा हमला कर रही है। इसके साथ ही परियोजना के कार्य में बाधा डाली जा रही है, वित्तीय आवंटन में कटौती की जा रही है, राज्यों पर आर्थिक बोझ बढ़ाया जा रहा है और कार्य दिवसों व लाभार्थियों की संख्या घटाई जा रही है।
पार्टी ने महात्मा गांधी का नाम हटाने और हिंदी थोपने के जैसे कदमों को भी ग्रामीण भारत की आत्मा के खिलाफ बताया है। इन बदलावों के कारण '100 दिन काम' अब व्यवहारिक रूप से संभव नहीं रह गया है।
डीएमके ने इस मुद्दे पर ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की भूमिका की भी कड़ी आलोचना की है। गठबंधन का आरोप है कि एआईएडीएमके ने केंद्र सरकार के इन निर्णयों का समर्थन कर तमिलनाडु के लोगों को धोखा दिया है।
प्रदर्शन में राष्ट्रीय और विधानसभा स्तर के नेता, जिला सचिव, राज्य व जिला प्रशासक, यूनियन प्रतिनिधि, स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधि, वार्ड और शाखा संगठनों के पदाधिकारी तथा गठबंधन से जुड़े सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता भाग लेंगे।
डीएमके ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे संगठित होकर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करें और केंद्र की भाजपा सरकार तथा उसका समर्थन कर रही एआईएडीएमके के खिलाफ नारेबाजी कर आवाज बुलंद करें।
पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मनरेगा योजना में संशोधन कर मजदूरों के साथ गलत कर रही है। पहले जहां 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देती थी, उसे कम करके राज्य सरकारों पर थोपा जा रहा है। इससे इस योजना को राज्य में लागू करने में भी परेशानी होने वाली है। इसके साथ ही इन लोगों ने महात्मा गांधी के नाम को हटाकर गलत किया है। भाजपा सरकार लगातार नाम बदलने में लगी हुई है। इसके अलावा इन लोगों के पास कोई काम नहीं बचा हुआ है। देश के विकास के लिए ये लोग कुछ नहीं कर रहे हैं।