क्या मार्गशीर्ष माह की शुरुआत से गंगा स्नान, गीता पाठ और श्रीकृष्ण-मां लक्ष्मी की पूजा से सुख-समृद्धि मिलेगी?

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क्या मार्गशीर्ष माह की शुरुआत से गंगा स्नान, गीता पाठ और श्रीकृष्ण-मां लक्ष्मी की पूजा से सुख-समृद्धि मिलेगी?

सारांश

मार्गशीर्ष माह की शुरुआत धार्मिक अनुष्ठानों का महत्वपूर्ण समय है। इस माह में गंगा स्नान, गीता पाठ, और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानें इस विशेष माह की महत्ता और इसे मनाने के तरीके।

Key Takeaways

  • मार्गशीर्ष माह में गंगा स्नान का महत्व है।
  • भगवान कृष्ण और मां लक्ष्मी की पूजा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • इस माह में दान करना अत्यंत लाभकारी है।
  • मासिक कार्तिगाई का पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
  • संध्या के समय पूजा करना अनिवार्य है।

नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि गुरुवार को मार्गशीर्ष और मासिक कार्तिगाई है। इस दिन सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा सुबह 11 बजकर 27 मिनट तक मेष राशि में रहेगा। इसके बाद यह वृषभ राशि में गोचर करेगा।

द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा, जबकि राहुकाल का समय दोपहर 1 बजकर 26 मिनट से 2 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।

मार्गशीर्ष माह का उल्लेख स्कंद, नारद और शिव पुराण में मिलता है, जिसमें इस माह में धार्मिक अनुष्ठान और दान पुण्य का महत्व बताया गया है। स्कंद पुराण में मार्गशीर्ष में व्रत और ब्राह्मणों को भोजन कराने के महत्व पर चर्चा की गई है, वहीं शिव पुराण में अन्नदान और चांदी के दान को विशेष माना गया है।

इस माह में भगवान कृष्ण और मां लक्ष्मी की उपासना से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। स्नान, पूजा, जप-तप और दान का विधान इस माह में किया जाता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही, सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने से सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है। मार्गशीर्ष माह का संबंध सतयुग के आरंभ से भी है, जिससे इसकी महत्ता और बढ़ जाती है।

मान्यता है कि इस महीने में गंगा स्नान, श्रीमद्भगवदगीता का पाठ, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप और भगवान श्री कृष्ण की उपासना विशेष फलदायी मानी जाती है। संध्या के समय भी भगवान की उपासना अनिवार्य है। साथ ही, बाल-गोपाल को भोग लगाते समय तुलसी का पत्ता शामिल करना शुभ माना जाता है।

मासिक कार्तिगाई – पुराणों के अनुसार मासिक कार्तिगाई, जिसे मासिक कार्तिगाई दीपम भी कहा जाता है, हर महीने तब मनाया जाता है जब चंद्र मास के दौरान कार्तिगाई नक्षत्र प्रबल होता है। यह भगवान शिव और उनके पुत्र भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) को समर्पित है। इसे अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और दीप जलाने से जीवन से नकारात्मकता दूर होती है।

Point of View

बल्कि आत्मिक शांति, समृद्धि और सकारात्मकता के लिए भी एक अवसर है। इस माह में विभिन्न पूजा-पाठ और स्नान का महत्व है, जो हमें मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाता है।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

मार्गशीर्ष माह में क्या करना चाहिए?
मार्गशीर्ष माह में गंगा स्नान, गीता पाठ और भगवान कृष्ण और मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है।
क्या इस माह में दान करना आवश्यक है?
हाँ, इस माह में दान करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जैसे अन्नदान और चांदी का दान।
मार्गशीर्ष माह का महत्व क्या है?
यह माह धार्मिक अनुष्ठानों और दान-पुण्य के लिए विशेष महत्व रखता है।