क्या श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में बांके बिहारी के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ ने श्रद्धालुओं की खुशी को बढ़ा दिया?

सारांश
Key Takeaways
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एक महत्वपूर्ण पर्व है।
- बांके बिहारी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है।
- मंदिर की सजावट अद्भुत और भव्य है।
- सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
- धार्मिक उत्सव का महत्व समाज में एकता लाना है।
मथुरा, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में भक्तों की बड़ी संख्या देखी जा रही है। लोग बांके बिहारी के दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं।
फरीदाबाद से आई एक श्रद्धालु ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए सौभाग्यशाली है, क्योंकि मुझे भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन का अवसर मिला। यहां आकर मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे मैं भगवान श्रीकृष्ण से मिल चुकी हूं। हालांकि, आज कई लोग दर्शन के लिए आए हैं, इसलिए थोड़ा कठिनाई हो रही है, लेकिन भगवान अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते।
दिल्ली से आए मनीष ने कहा कि यहां आकर मन को एक अलग प्रकार की शांति मिल रही है। योगी सरकार ने यहां पर उत्तम प्रबंध किए हैं। हमें किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। सुरक्षा के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात है। यहाँ की सजावट ने मन को मोह लिया है। हम रात 12 बजे का इंतज़ार कर रहे हैं।
दिल्ली से आए एक अन्य भक्त ने कहा कि यहां आकर हमें बहुत अच्छा लगा। हमारे दिल को तसल्ली मिली है। यहां की भव्यता अद्भुत है। मैं अकेला आया हूं, लेकिन अभी तक बांके बिहारी का दर्शन नहीं कर पाया। हम यहीं से दर्शन करने के बाद घर लौटेंगे।
ज्ञात हो कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। ठाकुरजी के लिए अर्पित की जाने वाली पोशाक को मथुरा के कारीगरों ने छह महीने की मेहनत से तैयार किया है। इसमें विशेष बात यह है कि भगवान कृष्ण की पोशाक में सोने-चांदी के तारों का उपयोग किया गया है।