क्या मेघालय में ईडी की कार्रवाई ने जीएचएडीसी विकास फंड में गड़बड़ी का पर्दाफाश किया?

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क्या मेघालय में ईडी की कार्रवाई ने जीएचएडीसी विकास फंड में गड़बड़ी का पर्दाफाश किया?

सारांश

मेघालय में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई ने विकास फंड में करोड़ों के गबन का बड़ा खुलासा किया है। क्या यह जांच भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है? जानिए इस मामले की पूरी जानकारी!

Key Takeaways

  • ईडी ने तुरा में जीएचडीसी के विकास फंड में गड़बड़ी का पर्दाफाश किया।
  • मुख्य आरोपी बोस्टन सीएच. मारक, इस्माइल मारक, कुबोन संगमा और निकसेंग संगमा हैं।
  • तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।
  • अनियमितताओं में 28.66 करोड़ रुपए शामिल हैं।
  • ईडी ने कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है।

तुरा, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स जिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की। तुरा शहर में किए गए इस अहम तलाशी अभियान का उद्देश्य गारो हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (जीएचडीसी) के विकास फंड में करोड़ों रुपए के कथित गबन का पर्दाफाश करना था। मामले में मुख्य आरोपी के रूप में बोस्टन सीएच. मारक, इस्माइल मारक, कुबोन संगमा और निकसेंग संगमा के नाम सामने आए हैं।

ईडी के शिलांग सब-जोनल ऑफिस (एसजीजेडओ) की टीम ने तुरा में आरोपियों से जुड़े पांच स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जीएचएडीसी के कुछ सदस्यों और ठेकेदारों की मिलीभगत से विकास कार्यों को नियमों के खिलाफ रोक दिया गया और आवंटित धन को अवैध रूप से अग्रिम भुगतान के रूप में डायवर्ट किया गया। इन आरोपियों ने यह राशि बाद में अपने या परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी।

ईडी की प्रारंभिक जांच के अनुसार, जीएचडीसी को आसनंग निर्वाचन क्षेत्र के लिए आवंटित कुल 28.66 करोड़ रुपए में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। समिति के सदस्यों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर स्थापित प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए बड़े पैमाने पर फंड का दुरुपयोग किया। कई मामलों में देखा गया कि स्वीकृत राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा ठेकेदार कुबोन संगमा और निकसेंग संगमा को अवैध रूप से अग्रिम के रूप में जारी किया गया, जबकि नियम स्पष्ट रूप से इसकी अनुमति नहीं देते।

तलाशी के दौरान अधिकारियों ने विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, अचल संपत्ति में निवेश से संबंधित कागजात और डिजिटल उपकरण जब्त किए। जांच में यह भी सामने आया कि इस्माइल मारक के निर्देश पर कुबोन संगमा और निकसेंग संगमा के नाम पर कई चेक जारी किए गए थे। कुबोन संगमा ने पूरी राशि निकालकर इस्माइल मारक को सौंप दी, जबकि निकसेंग संगमा ने चिह्नित बैंक खाते में अपनी हिस्सेदारी ट्रांसफर कर दी।

पूछताछ में ठेकेदारों ने स्वीकार किया कि उन्होंने बैंक से फंड निकालकर आरोपी सदस्यों और उनके परिवारों को सौंपा, जिससे जीएचडीसी के विकास फंड में बड़े पैमाने पर गबन की पुष्टि होती है। तलाशी के दौरान ईडी ने पीएमएलए की धारा 17(1ए) के तहत आरोपियों और उनके परिजनों के कई बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया है।

Point of View

बल्कि यह एक संकेत भी है कि देशभर में प्रशासनिक पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने यह कार्रवाई क्यों की?
ईडी ने गारो हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के विकास फंड में करोड़ों की गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए यह कार्रवाई की।
मुख्य आरोपी कौन हैं?
मुख्य आरोपी के रूप में बोस्टन सीएच. मारक, इस्माइल मारक, कुबोन संगमा और निकसेंग संगमा के नाम सामने आए हैं।
तलाशी में क्या मिला?
तलाशी में अधिकारियों ने आपत्तिजनक दस्तावेज, अचल संपत्ति में निवेश से जुड़े कागजात और डिजिटल उपकरण जब्त किए।
क्या आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज किया गया?
जी हां, ईडी ने पीएमएलए की धारा 17(1ए) के तहत कई आरोपी और उनके परिजनों के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है।
इस मामले की गंभीरता क्या है?
यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
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