क्या प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव पर नमन किया?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव पर नमन किया?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उनके जीवन और शिक्षाओं को सराहा और उनके द्वारा प्रदर्शित साहस, करुणा और बलिदान की मिसालों को याद किया। इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी उन्हें बधाई दी।

Key Takeaways

  • गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन साहस और बलिदान का प्रतीक है।
  • उनकी शिक्षाएं हमें सच्चाई और न्याय के लिए प्रेरित करती हैं।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने उनके प्रकाशोत्सव पर श्रद्धांजलि दी।
  • सीएम रेखा गुप्ता ने भी गुरु गोबिंद सिंह जी के योगदान को सराहा।
  • खालसा पंथ की स्थापना ने समाज में समानता और न्याय का संदेश फैलाया।

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पवित्र प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में उन्हें नमन किया।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक भावुक संदेश साझा करते हुए लिखा, "श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पवित्र प्रकाश उत्सव पर हम उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं। वे साहस, करुणा और बलिदान की मूर्ति हैं। उनका जीवन और शिक्षाएं हमें सच्चाई, न्याय, धर्म के लिए खड़े होने और मानवीय गरिमा की रक्षा करने के लिए प्रेरित करती हैं। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का विजन पीढ़ियों को सेवा और निस्वार्थ कर्तव्य के लिए मार्गदर्शन करता रहता है।"

उन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब की यात्रा के कुछ यादगार क्षण साझा किए। इन तस्वीरों में प्रधानमंत्री को गुरुद्वारे में प्रार्थना करते, जोड़ा साहिब के दर्शन करते और सेवादारों के साथ लंगर परोसते हुए देखा जा सकता है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पावन प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "अन्याय और दमन के विरुद्ध चेतना जागृत करने वाले, खालसा पंथ के संस्थापक, 'सरबंस दानी' साहिब-ए-कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पावन प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।"

उन्होंने आगे लिखा, "गुरु साहिब का जीवन शौर्य, त्याग और आध्यात्मिक उत्कर्ष का अद्वितीय समन्वय है। उन्होंने मानवता को यह संदेश दिया कि धर्म, सत्य और मर्यादा की रक्षा हेतु सर्वस्व का समर्पण ही सर्वोच्च मानवीय कर्तव्य है। उनके आदर्श, बलिदान और महान गुरु परंपरा के प्रति उनकी अडिग निष्ठा युगों-युगों तक समाज और राष्ट्र का मार्गदर्शन करेगी।"

सीएम रेखा गुप्ता ने दशम गुरु के चरणों के नमन करते हुए लिखा, "उनके सत्य, सेवा और बलिदान के सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धा है।"

गुरु गोबिंद सिंह सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। पटना साहिब वह पवित्र स्थल है, जहां 1666 में गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म हुआ था। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की, जो साहस, समानता और न्याय का प्रतीक बना। मुगल अत्याचारों के खिलाफ उन्होंने योद्धा बनकर संघर्ष किया और पांच प्यारों को अमृत छकाकर खालसा का जन्म दिया।

Point of View

क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री मोदी जैसे प्रमुख राजनीतिक नेता की उपस्थिति है, जो समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं। गुरु गोबिंद सिंह जी के योगदान और उनकी शिक्षाओं का जिक्र इस समय में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब समाज में न्याय और धर्म की आवश्यकता है।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म कब हुआ था?
गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 1666 में पटना साहिब में हुआ था।
गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस पंथ की स्थापना की थी?
गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने किस अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह जी को नमन किया?
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह जी के पवित्र प्रकाशोत्सव पर उन्हें नमन किया।
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