क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातियों का गौरव लौटाया?

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क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातियों का गौरव लौटाया?

सारांश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जनजातियों के गौरव को पुनर्स्थापित करने के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने योजनाओं के माध्यम से जनजातीय भाई-बहनों के जीवन में बदलाव लाने की बात की है। यह लेख जानिए कैसे सरकार जनजातियों के विकास में लगी है।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातियों का गौरव लौटाया है।
  • मध्य प्रदेश जनजातियों का घर है।
  • सरकार जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए योजनाएं चला रही है।
  • भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का समारोह 15 नवंबर को होगा।
  • स्वयंसेवी संस्थाओं का योगदान महत्वपूर्ण है।

भोपाल, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जनजातीय वर्ग के लिए लागू की गई योजनाओं को बदलाव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय वर्ग का गौरव वापस लौटाया है।

राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती एवं जनजातीय गौरव वर्ष के अवसर पर आयोजित ऑल इंडिया एनजीओ मीट में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश जनजातियों का घर है। देश में सबसे अधिक जनजातियां इसी प्रदेश में निवास करती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जनजातियों का गौरव वापस आया है। हमारे प्रधानमंत्री मोदी उन्हें सम्मान दे रहे हैं। आज राष्ट्रपति भवन से लेकर गांवों के पंचायत भवनों तक जनजातीय भाई-बहनों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है। पीएम जन-मन और धरती आबा जैसे अभियान जनजातीय भाई-बहनों के सशक्तिकरण के लिए आधार बन रहे हैं। गरीब कल्याण के लिए चलाई जा रही कई योजनाओं से जनजातीय भाई-बहनों का जीवन सरल हुआ है। पेसा नियमों ने उन्हें सशक्त बनाया है।

मुख्यमंत्री यादव ने गर्व से कहा कि मध्य प्रदेश, देश का सर्वाधिक जनजातीय आबादी वाला प्रदेश है। यहां जनजातीय वर्ग की 21 प्रतिशत आबादी निवास करती है। जनजातीय वर्ग के लोग प्रकृति का संरक्षण करते हुए इसी की छाया में अपना जीवन व्यतीत करते हैं। इन सभी जनजातियों के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को गौरवपूर्ण तरीके से मनाया जाएगा। जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए विचार मंथन आवश्यक है। इसके लिए देशभर से स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भोपाल में एकत्रित हुए हैं। इस विचार मंथन से जो अमृत निकलेगा, वह हमारी पूंजी है। जनजातियों के कल्याण के लिए सरकार सभी स्वयंसेवी संस्थाओं एवं कल्याणकारी कार्यक्रम चलाने वाली संस्थाओं के साथ संगठित प्रयास करेगी।

सीएम मोहन यादव ने कहा कि जनजातीय समुदाय के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिए गैर-सरकारी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस पुनीत कार्य में राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ संस्थाओं के साथ खड़ी है। जनजातीय कल्याण हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। राज्य सरकार ने जबलपुर में रानी दुर्गावती के 300वें जयंती वर्ष में उन्हें समर्पित कैबिनेट बैठक का आयोजन किया। राज्य सरकार राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के जनहितैषी कार्यों को भी जनता के बीच लाने का प्रयास कर रही है। हमारी सरकार ने खरगोन जैसे ट्राइबल बेल्ट में टंट्या मामा भील के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना की है।

उन्होंने कहा कि शासन के कार्यों में स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग मिलने से लक्ष्य प्राप्ति में आसानी होती है। उन्होंने बताया कि 15 नवंबर को प्रदेश के जबलपुर और आलीराजपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के जरिए भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का समारोह मनाया जाएगा।

Point of View

NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

जनजातियों के कल्याण के लिए क्या योजनाएं चलाई जा रही हैं?
सरकार द्वारा कई योजनाएं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में चलाई जा रही हैं जो जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती कैसे मनाई जाएगी?
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जबलपुर और आलीराजपुर में राज्य स्तरीय समारोह के माध्यम से मनाई जाएगी।
राज्य सरकार का जनजातियों के प्रति क्या दृष्टिकोण है?
राज्य सरकार जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उनके कल्याण के लिए कार्य कर रही है।