क्या सर्दियों में गठिया की समस्या बढ़ गई है? जानें राहत के उपाय
सारांश
Key Takeaways
- हल्का व्यायाम करें, जैसे कि टहलना या योग।
- सही पोश्चर बनाए रखें।
- पौष्टिक चीजें खाएं, जैसे कुलथी और अदरक।
- भारी सामान उठाने से बचें।
- प्राकृतिक इच्छाओं को दबाएं नहीं।
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों में जोड़ों का दर्द कई व्यक्तियों के लिए अत्यंत कठिन हो जाता है। ठंड की वजह से ऑस्टियोआर्थराइटिस या संधिवात की समस्या बढ़ जाती है, जिससे चलना-फिरना तक कठिन हो जाता है। ऐसे में अपनी दिनचर्या में बदलावभारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कुछ सरल उपाय बताए हैं, जिनसे डाइट और दैनिक रूटीन में छोटे बदलाव करके इस दर्द से आराम पाया जा सकता है।
आहार में सादा और पौष्टिक चीजें शामिल करें, जैसे कि कुलथी (घोड़ा चना), जोड़ों के लिए अत्यधिक फायदेमंद है। अदरक (शुंठी) सूजन को कम करता है। फलों में अनार और सेब जैसे मीठे फल शामिल करें, जो शरीर को पोषण देते हैं।
सर्दियों में जोड़ों को पर्याप्त आराम दें। नियमित रूप से हल्का व्यायाम करें, जैसे कि टहलना या योग। सही पोश्चर बनाए रखें और जोड़ें का लचीलापन बनाए रखें। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और दर्द कम होता है।
भारी काम से बचें। रात को देर तक जागने से बचें। लंबी पैदल यात्रा न करें। प्राकृतिक इच्छाओं (जैसे पेशाब-मल त्याग) को दबाएं नहीं। ये आदतें वात दोष बढ़ाती हैं, जो जोड़ों के दर्द का मुख्य कारण है।
सर्दियों में जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है, इसलिए सही आदतें अपनाना अत्यंत आवश्यक है। सबसे पहले, जोड़ें को पूर्ण आराम दें – ज्यादा तनाव न डालें। लेकिन पूर्ण बिस्तर पर न पड़े रहें। रोजाना हल्के व्यायाम करें, जैसे कि सुबह धूप में टहलना या सरल योगासन जैसे ताड़ासन, वीरभद्रासन का धीरे-धीरे अभ्यास करें। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जोड़ें का लचीलापन बना रहता है और दर्द कम होता है। बैठते, खड़े होते या चलते समय सही पोश्चर बनाए रखें।
कुछ चीजों से बचें, जैसे भारी सामान उठाना या ज्यादा मेहनती काम न करें। रात को समय पर सोएं। पेशाब या मल जैसी प्राकृतिक जरूरतों को कभी न रोकें। ये आदतें वात दोष को बढ़ाती हैं, जो सर्दी में जोड़ों के दर्द का मुख्य कारण बनता है। इन छोटे बदलावों से आप सर्दी में संधिवात जैसी समस्याओं पर काबू पा सकते हैं।
सर्दियों में शरीर की जकड़न बढ़ जाती है, लेकिन इन छोटे बदलावों से संधिवात पर काबू पाया जा सकता है। ये उपाय प्राकृतिक और सुरक्षित हैं। अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर से सलाह लें।