क्या मोगा में पूर्व बैंक कर्मचारी से 42 लाख की साइबर ठगी हुई?
सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क रहें।
- अनजान कॉल्स पर ध्यान न दें।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
- पुलिस से तुरंत संपर्क करें यदि ठगी का शिकार हो जाएं।
- आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके साइबर सुरक्षा को बढ़ाएं।
मोगा, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के मोगा में साइबर ठगी का एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है, जिसमें एक पूर्व बैंक कर्मचारी से 42 लाख रुपए की राशि ठगी गई। इस घटना में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर साइबर सेल ने गहन जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, ठगों ने अत्यंत चतुराई से इस वारदात को अंजाम दिया और पीड़ित को झांसे में लेकर विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लिए।
मोगा साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि उसे एक अनजान नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को कस्टम विभाग का अधिकारी बताते हुए, किसी कथित समस्या का हवाला देकर पीड़ित को डराया और रकम ट्रांसफर करने के लिए कहा। ठग की बातें सुनकर पीड़ित ने 42 लाख रुपए 17 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।
कुछ समय बाद, जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ, तो उसने तुरंत मोगा पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। जांच में पुलिस को पता चला कि पूरा धन योजनाबद्ध तरीके से कई खातों में भेजा गया था ताकि पैसे का पता लगाना कठिन हो जाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और संबंधित बैंक खातों, कॉल डिटेल्स और डिजिटल सबूतों की जांच की जा रही है।
कुछ दिन पहले, पंजाब पुलिस के एक पूर्व अधिकारी भी इसी तरह की साइबर ठगी का शिकार हुए थे। उस घटना के बाद उन्होंने आत्महत्या करने का प्रयास किया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मोगा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर भरोसा न करें। बिना पूरी जांच-पड़ताल के किसी को भी अपना बैंक अकाउंट नंबर, ओटीपी या अन्य निजी जानकारी साझा न करें। पुलिस का कहना है कि सतर्कता ही साइबर ठगी से बचने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है।