क्या मूंग है 'दालों का राजा' और सेहत का खजाना?

सारांश
Key Takeaways
- मूंग दाल एक पौष्टिक आहार विकल्प है।
- यह पाचन समस्याओं में सहायक है।
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है।
- वजन घटाने में मदद करती है।
- हृदय स्वास्थ्य को सुधारती है।
नई दिल्ली, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। मूंग एक अत्यंत महत्वपूर्ण दाल मानी जाती है। इसके गुणों के कारण इसे 'दालों का राजा' भी कहा जाता है। यह हल्की, सुपाच्य और पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है। आयुर्वेद में मूंग दाल को त्रिदोष नाशक (वात, पित्त, कफ को संतुलित करने वाली) माना गया है, जिससे यह हर उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के लिए उपयुक्त बनती है।
मूंग दाल में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड की प्रचुरता है, जो शरीर को ताकत, ऊर्जा और समग्र स्वास्थ्य प्रदान करती है। आयुर्वेद के अनुसार, मूंग दाल सुपाच्य है, जिसके कारण यह बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए उत्तम है। यह कब्ज, अपच और गैस जैसी पाचन समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है।
आयुर्वेद में मूंग दाल को 'सर्वगुण संपन्न' आहार माना गया है, जो सेहत के लिए वरदान है। इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स मधुमेह रोगियों के लिए ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक होता है। मूंग दाल में उपस्थित फाइबर और प्रोटीन वजन घटाने में मदद करते हैं, क्योंकि इससे लंबे समय तक पेट भरा रहने का अनुभव होता है। इसके अतिरिक्त, यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में भी लाभकारी है, जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
एक अनुसंधान के अनुसार, मूंग दाल प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत है। इसमें एंजियोटेंसिन एंजाइम होते हैं, जो ब्लड प्रेशर के नियंत्रण में सहायक और फंगल इंफेक्शन को रोकने में भी उपयोगी होते हैं। वहीं, ट्रिप्सिन पाचन को नियंत्रित करने में सहायक है।
आयुर्वेदाचार्य प्रमोद तिवारी के अनुसार, मूंग दाल शरीर को डिटॉक्स करने में भी कारगर है। यह त्वचा में निखार लाता है और रक्त को भी शुद्ध करता है। इसमें मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, जबकि फोलिक एसिड गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए लाभकारी है। मूंग दाल का फेस पैक त्वचा को चमक प्रदान करता है और बालों को मजबूती देता है।
मूंग दाल को कई तरीकों से खाया जा सकता है। अंकुरित मूंग सबसे पौष्टिक होता है, जो ताकत और ऊर्जा का बड़ा स्रोत है। मूंग की खिचड़ी बीमार और कमजोर लोगों के लिए हल्का और पौष्टिक भोजन है। रात भर भिगोकर खाने से इसका पाचन और पोषण बढ़ता है, जबकि सूप और दलिया ठंड में गर्मी और ऊर्जा प्रदान करते हैं।
हालांकि, अधिक मात्रा में मूंग दाल खाने से गैस की समस्या हो सकती है, इसलिए संतुलित मात्रा में इसका सेवन करना आवश्यक है।