क्या असम की संस्कृति और राष्ट्रीय अखंडता कांग्रेस की प्राथमिकता में कभी नहीं रही?
सारांश
Key Takeaways
- तरुण चुघ ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- असम की पहचान और संस्कृति का संरक्षण कभी कांग्रेस की प्राथमिकता नहीं रहा।
- महाराष्ट्र निकाय चुनावों में राष्ट्रवादी शक्तियों की जीत हुई है।
- 'जी राम जी' बिल से ग्रामीण रोजगार में वृद्धि हो रही है।
- दीपम विवाद में हिंदुओं के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर हमला करते हुए यह कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत विभाजन की कड़वी सच्चाई को फिर से उजागर किया है, जिसे कांग्रेस ने दशकों तक दबाए रखा।
नई दिल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में तरुण चुघ ने आरोप लगाया कि आज़ादी से पहले असम को पूर्वी पाकिस्तान में शामिल करने की साजिश मुस्लिम लीग और कांग्रेस की संयुक्त योजना का हिस्सा थी।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम लीग ब्रिटिश शक्तियों के साथ खड़ी थी और कांग्रेस भी इसमें शामिल थी। असम की पहचान, संस्कृति, पूर्वोत्तर की सभ्यता और राष्ट्रीय अखंडता कभी भी कांग्रेस की प्राथमिकता में नहीं रही। कांग्रेस के लिए केवल सत्ता के समीकरण ही महत्वपूर्ण रहे।
तरुण चुघ ने प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के खिलाफ साहस का परिचय दिया, जिसके कारण असम की बहादुर जनता के समर्थन से असम भारत का अभिन्न अंग बना रहा। चुघ ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम लीग और ब्रिटिश शक्तियों के साथ मिलकर असम को पूर्वोत्तर से अलग करने के लिए तत्पर थी।
महाराष्ट्र निकाय चुनावों पर तरुण चुघ ने कहा कि हाल के निकाय चुनावों में राष्ट्रवादी शक्तियों की स्पष्ट विजय हुई है। देश को गाली देने वालों, हिंदुओं तथा सनातन धर्म को नीचा दिखाने वालों को जनता ने वोट के माध्यम से सजा दी है।
'जी राम जी' बिल पर सोनिया गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए चुघ ने कहा कि वे बेवजह हंगामा कर रही हैं। मोदी सरकार लगातार कार्य कर रही है। इस बिल से ग्रामीण रोजगार गारंटी में 125 दिनों का रोजगार मिल रहा है। ग्रामीण मजदूरी में सीधे 25 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। बजट को ढाई गुना बढ़ा दिया गया है। पहली बार बुवाई और कटाई के बीच 60 दिनों का अंतर दिया गया है ताकि किसानों और मजदूरों को नुकसान न हो। मजदूरों का भुगतान सीधे बैंक खातों में किया जाएगा। इसका स्वागत होना चाहिए, क्योंकि इससे मजदूरों और किसानों को सीधा लाभ हो रहा है।
दीपम विवाद पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने तमिलनाडु की डीएमके सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार दीप स्तंभ पर पवित्र कार्तिगई दीपक जलाने से रोकती रही, लेकिन दूसरी तरफ दरगाह में झंडा फहराने की अनुमति देती है। यह इंडी गठबंधन का विरोधी चेहरा और हिंदुओं के प्रति दोहरा मापदंड है। हिंदुओं के अधिकारों को दबाना ही उनका असली एजेंडा है।