क्या उद्यमशीलता भारतीयों के डीएनए में है: मुख्यमंत्री मोहन यादव?
सारांश
Key Takeaways
- उद्यमशीलता भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
- युवाओं की ऊर्जा और नवाचार से मध्य प्रदेश प्रगति कर रहा है।
- सरकार नव उद्यमियों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।
- मध्य प्रदेश में निवेश की संभावनाएं बढ़ रही हैं।
- उद्यमिता सामाजिक कल्याण से जुड़ी होनी चाहिए।
इंदौर, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उद्यमशीलता हम भारतीयों के डीएनए में निहित है। यही उद्यमशीलता हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा रही है। सीएम मोहन यादव ने मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में यंग इंटरप्रेन्योर फोरम समिट-2025 को संबोधित करते हुए कहा कि युवा शक्ति ही हमेशा नया इतिहास लिखती है। युवाओं की अपार ऊर्जा, नवाचार और उद्यमशील सोच से मध्य प्रदेश लगातार प्रगति के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमारा प्रदेश युवा ऊर्जा से परिपूर्ण है और सामूहिक प्रयासों से हम विकास की नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहे हैं। उद्यमशीलता हम भारतीयों के डीएनए में है। उद्यमिता हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रही है, जिसे आज के नव उद्यमी आधुनिक तकनीक, नवाचार और अपने हुनर से नई दिशा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के नव उद्यमियों ने अपनी मेधा, कौशल और आधुनिक तकनीकी ज्ञान का उपयोग कर रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया है। अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से उन्होंने अपने लिए नया मुकाम बनाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्यमिता की विशेषता यही है कि हम केवल लाभार्जन तक सीमित नहीं रहते, बल्कि समाज और राष्ट्र के हित में भी जुड़े रहते हैं। हमारे युवा उद्यमियों ने जोखिम उठाने की क्षमता और साहस से समाज और प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री यादव ने युवा उद्यमियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी जो भी करना चाहते हैं, पूरे मनोयोग और आत्मविश्वास के साथ करें। यदि आपने शुरुआत कर ली है तो विस्तार की ओर बढ़ें, और यदि आप विस्तार कर रहे हैं तो समाज को साथ में लेकर चलें। सरकार हमेशा आप सभी के साथ खड़ी है। नव उद्यमियों को व्यापार, व्यवसाय, औद्योगिक इकाई की स्थापना तथा उत्पादन प्रारंभ करने में सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में फार्मा से लेकर एग्रीकल्चर, फिशरीज से लेकर फूड प्रोसेसिंग, टेक्नोलॉजी से लेकर टूरिज्म, ऑटोमोबाइल से लेकर मैनुफैक्चरिंग तक हर क्षेत्र में निवेश आ रहा है और नए रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। उद्यमिता तभी सफल होती है जब वह राष्ट्र-कल्याण से जुड़ी हो। नए भारत के निर्माण का सुनहरा अवसर युवा उद्यमियों के पास है, तो देश के विकास में अमिट योगदान दें।
उन्होंने कहा कि भारत को एक उत्पादक राष्ट्र बनाना आज की आवश्यकता है, और यह काम युवाओं के संकल्प से ही संभव होगा। युवा ही भारत को 5 ट्रिलियन इकोनॉमी वाली अर्थव्यवस्था बनाएंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में उद्यमिता लोक कल्याण के संस्कार के रूप में हमारे रक्त में बहती है। देश केवल रोजगार से नहीं, बल्कि उद्यमिता से आगे बढ़ता है। उद्यम से कई लोगों को रोजगार मिलता है, और अर्थव्यवस्था का पहिया घूमता है। मध्य प्रदेश तेजी से विकसित होते राज्यों में अग्रणी है। पिछले दो वर्षों में हमने उद्योग, निवेश और रोजगार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
उन्होंने राज्य में निवेश की संभावनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के पास एक लाख एकड़ का विशाल लैंड बैंक है। राज्य में जीपीएस प्रणाली द्वारा औद्योगिक भूमि बैंक का सुदृढ़ीकरण किया गया है ताकि निवेशकों को समय पर और उपयुक्त भूमि उपलब्ध हो सके। हमारा उद्देश्य प्रदेश में न केवल निवेश-अनुकूल नीतियां तैयार करना है, बल्कि इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना भी है।
मुख्यमंत्री यादव ने राज्य में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की सफलता की चर्चा करते हुए कहा कि इसी वर्ष फरवरी में हुई जीआईएस से मध्य प्रदेश को 30.77 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले। इनमें से 8.57 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतर चुके हैं। प्रदेश में आज 6,400 से अधिक स्टार्टअप्स सक्रिय हैं, जिनमें से 3,000 से अधिक स्टार्टअप, यानी लगभग 50 प्रतिशत स्टार्टअप्स महिलाओं द्वारा संचालित हैं।