क्या मुख्यमंत्री योगी ने हनुमानगढ़ी और श्रीराम मंदिर में दर्शन-पूजन किया?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या में ध्वजारोहण समारोह की तैयारियों का जायज़ा लिया।
- हनुमानगढ़ी में पूजा अर्चना की गई।
- प्रधानमंत्री मोदी का आगमन 25 नवंबर को होगा।
- रोड शो के लिए विशेष जोनों का गठन किया गया है।
- सुरक्षा और सफाई की व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया गया।
अयोध्या, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले ध्वजारोहण समारोह से एक दिन पहले सोमवार को ही अयोध्या पहुंचे। उन्होंने ध्वजारोहण कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी और श्रीराम मंदिर में दर्शन-पूजन भी किया।
अयोध्या पहुंचने के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे पहले वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने निरीक्षण किया और अधिकारियों से यहां की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री वहां से सीधे साकेत डिग्री कॉलेज के हेलीपैड पहुंचे, जहां उन्होंने हेलीपैड से जुड़ी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इसके बाद सीएम योगी ने हनुमानगढ़ी जाकर संकटमोचन हनुमान के चरणों में शीश झुकाया।
मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचकर कार्यक्रम की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों से भी चर्चा की। इसके बाद सीएम योगी ने प्रशासनिक अधिकारियों को ध्वजारोहण कार्यक्रम से संबंधित दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने सुरक्षा, सफाई और अतिथि स्वागत संबंधी तैयारियों की जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराकर ध्वजारोहण समारोह का आगाज़ करेंगे। उनका एयरपोर्ट से साकेत महाविद्यालय तक हेलीकॉप्टर से आगमन प्रस्तावित है। इसके बाद साकेत महाविद्यालय से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक भव्य रोड शो आयोजित किया जाएगा।
रोड शो के लिए लगभग एक किलोमीटर लंबे रामपथ को प्रशासन ने आठ विशेष जोन में विभाजित किया है। प्रत्येक जोन में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने पारंपरिक अंदाज में—थाली, आरती, फूल-माला और नमस्कार मुद्रा के साथ—प्रधानमंत्री का स्वागत करने की तैयारी की है। जिला प्रशासन ने विभिन्न समाजों और समूहों की महिलाओं को इन जोनों की जिम्मेदारी सौंप दी है, ताकि स्वागत समारोह की सांस्कृतिक भव्यता और गरिमा बढ़ सके।