क्या मुंबई की बैंक कर्मचारी ने अपने पूर्व साथी पर झूठा दुष्कर्म का मामला दर्ज कर 1 करोड़ की उगाही की?

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क्या मुंबई की बैंक कर्मचारी ने अपने पूर्व साथी पर झूठा दुष्कर्म का मामला दर्ज कर 1 करोड़ की उगाही की?

सारांश

एक बैंक की महिला कर्मचारी ने अपने पूर्व साथी के खिलाफ झूठा दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए 1 करोड़ की मांग की है। यह मामला पुलिस की जांच में आया है, जहां उसने अन्य बैंक कर्मचारियों की मदद से पीड़ित का निजी डेटा चुराया। जानिए इस विवादास्पद मामले का पूरा सच!

Key Takeaways

  • डॉली कोटक ने अपने पूर्व साथी के खिलाफ झूठा बलात्कार का मामला दर्ज किया।
  • उसने 1 करोड़ की उगाही करने की कोशिश की।
  • पुलिस ने तीन अन्य बैंक कर्मचारियों की मदद से डेटा चुराने का आरोप लगाया।
  • पीड़ित को जेल में रखवाने और धमकी देने का मामला सामने आया।
  • कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।

मुंबई, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चारकोप पुलिस ने आरबीएल बैंक की कर्मचारी डॉली कोटक को गिरफ्तार किया है। उस पर अपने पूर्व साथी, जो एक आईटी पेशेवर है, पर झूठा बलात्कार का मामला दर्ज कर 1 करोड़ की उगाही करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस की जांच में पाया गया कि डॉली ने कथित तौर पर पीड़ित को जेल में भेजने की योजना बनाई और उसकी जमानत के लिए "अनापत्ति" बयान के बदले पैसे मांगें।

पुलिस के अनुसार, डॉली ने पीड़ित को एक महीने से अधिक समय तक जेल में रखा और उसकी बहन से कोर्ट परिसर में मुलाकात कर एक करोड़ की मांग की। उसने धमकी दी कि यदि पैसे नहीं मिले, तो वह पीड़ित को प्रेस के माध्यम से बदनाम कर देगी। इस धमकी को उसने पूरा भी किया। पीड़ित के मना करने पर भी, डॉली ने फोन कॉल और वकील के दफ्तर में मुलाकात के जरिए दबाव बनाया।

मामला तब और बढ़ गया जब यह पता चला कि डॉली ने तीन अन्य बैंक कर्मचारियों, हर्ष श्रीवास्तव (एचडीएफसी बैंक), अनंत रुइया (एचडीएफसी बैंक), और जयेश गायकवाड़ (आईसीआईसीआई बैंक), की मदद से पीड़ित और उसकी पत्नी का निजी और वित्तीय डेटा अवैध रूप से प्राप्त किया। उसने पीड़ित के मोबाइल नंबर को उनके ईमेल प्रोफाइल से जोड़कर ऑनलाइन बैंकिंग विवरण, जीपीएस लोकेशन, निजी तस्वीरें और संदेशों तक पहुंच हासिल की। मई 2024 में, पीड़ित को डॉली के नंबर से धमकी भरा संदेश मिला, जिसमें लिखा था, "तुम कभी नहीं जीतोगे और दर्द में मरोगे। पैसे दो या जेल में मरो।"

डॉली ने पीड़ित के नियोक्ता के मानव संसाधन विभाग को ईमेल भेजकर उनकी नौकरी भी छड़वा दी, जिससे पीड़ित को भारी दबाव में इस्तीफा देना पड़ा।

पुलिस की निष्क्रियता से परेशान होकर पीड़ित ने बोरीवली मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने चारकोप पुलिस को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 175(3) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। प्राथमिकी में डॉली कोटक, उसके भाई सागर कोटक, दोस्त प्रमीला वाज और तीन बैंक कर्मचारियों के नाम शामिल हैं। उन पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।

डॉली का नाम डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन में एक अन्य उगाही के मामले में भी सामने आया है, जहां उसने वित्तीय लाभ के लिए झूठा दुष्कर्म का आरोप लगाया था। उसका भाई सागर कोटक मालवणी पुलिस स्टेशन में एक नाबालिग से जुड़े अपहरण और दुष्कर्म के मामले में जमानत पर है।

Point of View

यह मामला हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय प्रणाली की कमजोरियों को उजागर करता है। इस प्रकार के झूठे आरोप न केवल निर्दोष लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं, बल्कि असली पीड़ितों के लिए भी समस्याएँ खड़ी करते हैं। हमें एक सशक्त समाज के लिए ऐसी घटनाओं की रोकथाम करनी होगी।
NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या डॉली कोटक को सजा मिलेगी?
अगर अदालत में डॉली के खिलाफ सबूत पर्याप्त होते हैं, तो उन्हें सजा मिल सकती है।
यह मामला कब शुरू हुआ?
यह मामला हाल ही में, अगस्त 2023 में शुरू हुआ।
क्या पुलिस ने कार्रवाई की है?
हाँ, पुलिस ने डॉली को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
क्या इस तरह के मामले आम हैं?
ऐसे मामले दुर्लभ हैं, लेकिन समाज में इसे लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
क्या पीड़ित को न्याय मिलेगा?
यदि न्यायालय में सबूत मजबूत हैं, तो पीड़ित को न्याय मिल सकता है।