क्या मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन ने मंत्री नितेश राणे को कुरान की मराठी प्रति भेजी?

सारांश
Key Takeaways
- कुरान की मराठी प्रति भेजना एक महत्वपूर्ण कदम है।
- इस्लाम की सच्चाई को समझने का प्रयास।
- सामाजिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देना।
मुंबई, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के लातूर जिले के अहमदपुर से मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन ने महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे को कुरान की मराठी प्रति स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजी है। मौलाना मुफ्ती फाजिल ने कहा कि उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया ताकि नितेश राणे इसे पढ़कर इस्लाम की सच्चाई को समझ सकें।
मौलाना मुफ्ती फाजिल ने कहा, "हमने नितेश राणे को कुरान की मराठी प्रति भेजी है ताकि वे इसे पढ़कर इस्लाम की सच्चाई और उसकी शिक्षाओं को समझ सकें। कुरान हर इंसान को शांति और भाईचारे का संदेश देती है। हमें उम्मीद है कि इस पवित्र किताब को पढ़ने के बाद वे भविष्य में इस तरह के बयान देने से बचेंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि नितेश राणे के बयान, जैसे मुस्लिम टोपी, दाढ़ी या कुरान पर टिप्पणी, समाज में गलत संदेश फैलाते हैं। मुफ्ती ने कहा कि इंसान की पहचान उसकी जुबान और चरित्र से होती है, और कुरान पढ़ने से सच्चाई सामने आएगी। यह कदम राणे के मुस्लिम समुदाय और इस्लाम के खिलाफ दिए जा रहे बयानों के जवाब में उठाया गया है।
कुरान की यह प्रति लातूर जिले के अहमदपुर से स्पीड पोस्ट की गई। इस दौरान शहर के कई मौलाना और मुफ्ती फाजिल समेत अन्य लोग मौजूद थे।
संगठन ने कहा कि उनका मकसद किसी के खिलाफ नफरत फैलाना नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता और एकता को बढ़ावा देना है। इस पहल के जरिए वे चाहते हैं कि लोग इस्लाम को सही तरीके से समझें।
दरअसल, महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने बुधवार (16 जुलाई) को मीडिया से बातचीत में कहा था कि मदरसों में उर्दू की जगह मराठी पढ़ाई जानी चाहिए और अजान मराठी में होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मदरसों में असली पढ़ाई तभी होगी जब मराठी भाषा में पढ़ाई होगी, वरना वहां से केवल बंदूक ही निकलती है।"
नितेश राणे के इस बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग की थी कि नितेश राणे के खिलाफ कार्रवाई की जाए और मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जाए।
मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन एक गैर-सरकारी संगठन है जो मुसलमानों के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक विकास के लिए काम करता है। इस संगठन का उद्देश्य मुसलमानों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना, शिक्षा को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना है।