क्या सीबीआई ने नारकोटिक्स विभाग के इंस्पेक्टर को रिश्वतखोरी मामले में गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- नारकोटिक्स विभाग में भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है।
- महेंद्र सिंह ने रिश्वत के लिए परिवार को धमकाया।
- सीबीआई ने शिकायत की पुष्टि के बाद कार्रवाई की।
- गिरफ्तारी से विभाग की छवि पर असर पड़ा है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
चित्तौड़गढ़, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नारकोटिक्स विभाग में एक बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जयपुर शाखा ने कार्रवाई करते हुए मध्य प्रदेश के नीमच में तैनात केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह और उनके सहयोगी जगदीश मेनारिया को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया है।
यह गिरफ्तारी चित्तौड़गढ़ जिले के बड़ी सादड़ी निवासी मांगीलाल गुर्जर की शिकायत के आधार पर की गई। इसने विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। शिकायत में कहा गया कि महेंद्र सिंह ने 27 मार्च को मांगीलाल के घर छापा मारकर लगभग 400 किलो डोडा चूरा जब्त किया था। इसके बाद इंस्पेक्टर ने परिवार को धमकाते हुए एक करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी और कहा कि यदि राशि नहीं दी गई तो पूरे परिवार को मामले में फंसा दिया जाएगा।
बाद में सौदा 53 लाख रुपए में तय हुआ, जिसमें पीड़ित पहले ही तीन किस्तों में कुल 44 लाख रुपए चुका चुका था। यह राशि डूंगला के आला खेड़ी निवासी जगदीश मेनारिया के माध्यम से पहुंचाई गई थी। इसके बावजूद, उन्होंने और 9 लाख रुपए की मांग की। मानसिक रूप से परेशान मांगीलाल ने अंततः 15 जुलाई को सीबीआई जयपुर कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
सीबीआई ने शिकायत का सत्यापन किया, जो पूरी तरह से सही पाया गया। इसके बाद, एक योजना के तहत पीड़ित को दलाल को तीन लाख रुपए देने के बहाने सांवलियाजी के पास एक होटल में बुलवाया गया। जैसे ही दलाल रुपए लेने पहुंचा, सीबीआई की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
पूछताछ के दौरान जब पूरा मामला स्पष्ट हो गया, तो सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी ने जयपुर, सीकर और नीमच में अवैध कमाई से संपत्तियां खरीदी हैं। विभागीय शक्तियों का दुरुपयोग कर लोगों को फंसाने और मोटी रकम वसूलने का यह मामला पूरे नारकोटिक्स विभाग की छवि को धूमिल कर रहा है। फिलहाल, सीबीआई इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है और आगे और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।