क्या साइक्लिंग है लंबी उम्र का असली फॉर्मूला, न जिम, न सप्लीमेंट?

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क्या साइक्लिंग है लंबी उम्र का असली फॉर्मूला, न जिम, न सप्लीमेंट?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि साइक्लिंग न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह आपको लंबी उम्र भी दे सकती है? जानें कैसे यह सरल गतिविधि आपकी जीवनशैली में बड़ा बदलाव ला सकती है।

Key Takeaways

  • साइक्लिंग से दिल की सेहत में सुधार होता है।
  • यह शरीर के 80 प्रतिशत हिस्सों को सक्रिय करती है।
  • साइक्लिंग से मानसिक तनाव कम होता है।
  • यह लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज है, जो जोड़ों पर कम दबाव डालती है।
  • रोजाना 30 मिनट साइक्लिंग करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अक्सर सर्दियों में हम अपने परिवार के बुजुर्गों से यह सुनते हैं कि उनके जमाने में वे प्रतिदिन 8-10 किलोमीटर साइकिल चलाते थे और कभी बीमार नहीं पड़ते थे। आज जब युवाओं में कम उम्र में ही बीमारियों की संख्या बढ़ रही है, तो यह सवाल उठाना स्वाभाविक है कि क्या वास्तव में साइक्लिंग उनकी लंबी और स्वस्थ जिंदगी का राज है।

आयुर्वेद में दैनिक शारीरिक गतिविधियों को उतनी ही महत्वपूर्णता दी गई है जितनी कि पोषण को। साइक्लिंग एक ऐसी व्यायाम है जो शरीर के लगभग 80 प्रतिशत हिस्सों को सक्रिय कर देती है। यह वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित रखती है, विशेष रूप से बढ़े हुए कफ और वात पर इसका प्रभाव बहुत अच्छा होता है। साइक्लिंग से शरीर में रक्त संचार 25-30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है, फेफड़ों की क्षमता में सुधार होता है और पसीने के माध्यम से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।

हमारे पूर्वजों की लंबी उम्र का एक बड़ा कारण उनकी सक्रिय जीवनशैली थी। उस समय लोग गाड़ियों पर निर्भर नहीं थे। खेतों में जाना हो, बाजार जाना हो या काम पर, हर जगह साइकिल का उपयोग किया जाता था। प्रतिदिन 500 से 700 कैलोरी अपने आप बर्न हो जाती थी। यह धीमी और तेज गति का मिश्रण वाली व्यायाम दिल के लिए सबसे सुरक्षित और प्रभावी मानी जाती है। पेट और कमर की चर्बी जमा होने का मौका नहीं मिलता था, क्योंकि घंटों बैठकर कार्य करने की आदत नहीं थी।

साइक्लिंग से इंसुलिन स्तर संतुलित रहता है, फैट ऑक्सीडेशन में तेजी आती है और पेट के आसपास चर्बी जमा नहीं होती। यही कारण है कि डायबिटीज, फैटी लिवर और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां पहले कम देखी जाती थीं। यह जोड़ों के लिए भी एक बेहतरीन व्यायाम है, क्योंकि यह लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज है। घुटनों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता, कार्टिलेज सुरक्षित रहती है और जोड़ों की चिकनाई बनी रहती है। इसलिए 60-70 वर्ष के बुजुर्ग भी आसानी से चल-फिर पाते थे।

साइक्लिंग से दिल लगभग 40 प्रतिशत तक मजबूत होता है। रोज 30 मिनट साइकिल चलाने से हार्ट अटैक का खतरा 40-45 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। साथ ही, साइक्लिंग से एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे 'हैप्पी हार्मोन' रिलीज होते हैं, जिससे तनाव कम होता है, नींद बेहतर आती है और मस्तिष्क की क्रियाशीलता बढ़ती है।

Point of View

यह कहना सही होगा कि साइक्लिंग एक आसान और प्रभावी तरीका है जिसके माध्यम से हम अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ करती है। संपूर्ण राष्ट्र के लिए यह एक आवश्यक संदेश है कि हमें सक्रिय जीवनशैली अपनानी चाहिए।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

साइक्लिंग के क्या स्वास्थ्य लाभ हैं?
साइक्लिंग से दिल की सेहत, वजन नियंत्रण, और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
क्या साइक्लिंग सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है?
हाँ, साइक्लिंग एक लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज है, जो सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है।
साइक्लिंग करने का सही समय क्या है?
सुबह का समय साइक्लिंग के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन आप इसे अपनी सुविधा अनुसार कभी भी कर सकते हैं।
क्या साइक्लिंग से वजन कम किया जा सकता है?
हाँ, नियमित साइक्लिंग से कैलोरी बर्न होती है और वजन कम करने में मदद मिलती है।
साइक्लिंग करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
साइक्लिंग करते समय हेलमेट पहनना, ट्रैफिक नियमों का पालन करना और आरामदायक कपड़े पहनना महत्वपूर्ण है।
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