क्या नरेंद्र कश्यप ने कांग्रेस और सपा पर तंज किया है?
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस और सपा के पास विकास के मुद्दों की कमी है।
- एसआईआर का उद्देश्य असली मतदाताओं को वोट देने का अवसर देना है।
- मोहन भागवत का हिंदू राष्ट्र पर बयान उचित है।
- कांग्रेस को पीएम मोदी के कार्यों पर सहमति बनानी चाहिए।
- बिहार की जनता ने एसआईआर के खिलाफ हंगामे का जवाब दिया।
मैनपुरी, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के बाद पार्टी के नेता एसआईआर पर सवाल उठाने लगे हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर एक रैली आयोजित करने की योजना बना रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि कांग्रेस, सपा, राजद और टीएमसी के पास अब विकास, रोजगार, गरीब और किसान जैसे मुद्दे नहीं बचे हैं। अब उनका मुख्य ध्यान एसआईआर का विरोध करना ही रह गया है।
नरेंद्र कश्यप ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि बिहार में एसआईआर के माध्यम से 69 लाख फर्जी मतदाताओं को सूची से हटा दिया गया, जिससे असली मतदाताओं को वोट डालने का अवसर मिला। यह हमारे लिए खुशी की बात है कि एनडीए को फिर से प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने का मौका बिहार की जनता ने दिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सपा या टीएमसी बिना वजह एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा कर रही हैं। सच्चाई यह है कि एसआईआर का अर्थ किसी राजनीतिक दल के मतदाताओं की छंटनी नहीं है, बल्कि यह चुनाव आयोग के अनुसार वास्तविक मतदाताओं को वोट देने का मौका देना है और फर्जी वोटरों को सूची से बाहर करना है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव को इस पर कोई एतराज नहीं होना चाहिए।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हिंदू राष्ट्र संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि भागवत हमेशा राष्ट्र के प्रति समर्पित रहते हैं। उनके विचारों पर लोग सहमति जताते हैं, लेकिन देश में क्या आवश्यक है, यह देश ही तय करता है। कई धार्मिक संगठन इस मुद्दे को उठाते हैं कि हिंदू राष्ट्र की घोषणा हो। भागवत का कहना उचित है।
कांग्रेस की नाराजगी पर शशि थरूर द्वारा पीएम मोदी के भाषण की प्रशंसा पर कश्यप ने कहा कि सत्य को स्वीकार करना कांग्रेस की नीति नहीं है। सिर्फ थरूर ही नहीं, कई कांग्रेस और सपा के नेता पीएम मोदी के अच्छे कार्यों की सराहना कर चुके हैं। कांग्रेस को चाहिए कि वह मोदी के कार्यों पर सहमति जताए और अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए विपक्ष की भूमिका निभाए।
उत्तर प्रदेश में एसआईआर पर अखिलेश यादव के बयान पर कश्यप ने कहा कि यदि उन्हें बाहरी परिणाम देखकर भी समझ नहीं आ रहा है, तो यह उनकी राय है। बिहार में 25 से अधिक रैलियां करके आए हैं। राहुल गांधी, लालू यादव सभी ने मिलकर एसआईआर के खिलाफ हंगामा किया, लेकिन बिहार की जनता ने इन्हें सही जवाब दे दिया है।