क्या नाथनगर में राजद की जीत का स्वाद 2020 से फिर से चखेंगे?

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क्या नाथनगर में राजद की जीत का स्वाद 2020 से फिर से चखेंगे?

सारांश

नाथनगर विधानसभा क्षेत्र बिहार की राजनीतिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यहां के ऐतिहासिक स्थल और जातीय समीकरण इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। क्या राजद फिर से जीत हासिल करेगा?

Key Takeaways

  • नाथनगर विधानसभा क्षेत्र का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व।
  • 2020 में राजद ने पहली बार जीत हासिल की।
  • जातीय समीकरण का चुनावी परिणाम पर प्रभाव।
  • नाथनगर में गंगा नदी का महत्व।
  • श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र का धार्मिक महत्व।

पटना, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के भागलपुर जिले का नाथनगर विधानसभा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र है। इसमें नाथनगर, सबौर, हबीबपुर नगर पंचायत और जगदीशपुर प्रखंड के कुछ गांव शामिल हैं। यह क्षेत्र भागलपुर लोकसभा सीट का हिस्सा है और अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है।

यह क्षेत्र गंगा नदी के किनारे स्थित है, जिसकी भूमि समतल और उपजाऊ है। नाथनगर का चंपानगर क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह माना जाता है कि यह प्राचीन अंग महाजनपद की राजधानी रही है, जहां महाभारत काल के महान योद्धा कर्ण का शासन था।

पुरातात्विक सर्वेक्षणों में यहां के बड़े टीलों के नीचे प्राचीन किलों और महलों के अवशेष मिले हैं। महाभारत काल से संबंधित प्रसिद्ध मनीनाथ मंदिर आज भी यहां मौजूद है।

नाथनगर में स्थित श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र जैन धर्मावलंबियों के लिए एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है, जो बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य से संबंधित है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान वासुपूज्य के पंच कल्याणक इसी भूमि पर सम्पन्न हुए थे। यह स्थान संपूर्ण विश्व में जैन धर्म का एकमात्र पंच कल्याणक स्थल माना जाता है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो नाथनगर विधानसभा सीट की स्थापना 1967 में हुई थी। पिछले 48 वर्षों में यहां 15 बार चुनाव हो चुके हैं, जिसमें 2019

यह सीट लंबे समय तक समाजवादी विचारधारा वाली पार्टियों का गढ़ रही है। कांग्रेस ने शुरुआती दौर में तीन बार (अंतिम बार 1980 में) जीत हासिल की थी। जदयू ने यहां अब तक 6 बार जीत दर्ज की है। भारतीय जनसंघ, समता पार्टी और लोक दल ने भी एक-एक बार जीत दर्ज की। राजद ने 2020 में पहली बार जीत हासिल की।

इस बार चुनाव में मुख्य मुकाबला राजद और एनडीए के घटक दल लोजपा (रामविलास) के बीच है।

जातीय समीकरण को समझा जाए तो नाथनगर में यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी है। इसके अलावा, ब्राह्मण, कोइरी, रविदास और पासवान समुदाय के मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं।

Point of View

बल्कि यह पूरे बिहार में राजनीतिक गतिशीलता को भी दर्शाएगा।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

नाथनगर विधानसभा क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
नाथनगर क्षेत्र प्राचीन अंग महाजनपद की राजधानी रहा है और यहां कई ऐतिहासिक स्थल हैं।
2020 में राजद ने किस प्रकार जीत हासिल की?
राजद ने 2020 में पहली बार नाथनगर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी।
नाथनगर में प्रमुख जातीय समीकरण क्या हैं?
यहां यादव, मुस्लिम, ब्राह्मण, कोइरी, रविदास और पासवान समुदाय के मतदाता महत्वपूर्ण हैं।
नाथनगर विधानसभा की स्थापना कब हुई?
नाथनगर विधानसभा सीट की स्थापना 1967 में हुई थी।
नाथनगर में चुनावी मुकाबला किसके बीच है?
इस बार चुनाव में मुख्य मुकाबला राजद और एनडीए के घटक दल लोजपा (रामविलास) के बीच है।