क्या नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।
- मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर आगे की कार्रवाई की मांग की गई है।
- सोनिया और राहुल गांधी सहित कई नेता आरोपियों में शामिल हैं।
- इस मामले ने राजनीतिक चर्चा को जन्म दिया है।
- हाईकोर्ट में सुनवाई का परिणाम महत्वपूर्ण होगा।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल हेराल्ड से संबंधित चर्चित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ईडी ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट के उस निर्णय को अब दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें अदालत ने ईडी द्वारा प्रस्तुत चार्जशीट पर कोई संज्ञान लेने से मना कर दिया था। यह मामला कांग्रेस के प्रमुख नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कुल सात आरोपियों से संबंधित है।
ईडी ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में यह मांग की है कि राऊज एवेन्यू कोर्ट के निर्णय की समीक्षा की जाए और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर आगे की न्यायिक कार्रवाई का रास्ता खोला जाए। एजेंसी का कहना है कि उसके पास इस मामले में पर्याप्त दस्तावेज और सबूत हैं, जिनके आधार पर आरोपियों के खिलाफ सुनवाई आवश्यक है।
इससे पहले 16 दिसंबर को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर कोई संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था। हालांकि, अदालत ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया था कि ईडी चाहे तो इस मामले की आगे की जांच जारी रख सकती है। इसी आदेश के खिलाफ अब ईडी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
ईडी द्वारा दायर चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, साथ ही यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया गया है। एजेंसी का आरोप है कि इन व्यक्तियों ने मिलकर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को गलत तरीके से अपने कब्जे में लिया।
ईडी का दावा है कि जांच के दौरान फर्जीवाड़ा और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित महत्वपूर्ण सबूत सामने आए हैं। एजेंसी के अनुसार, एजेएल की संपत्तियों को बहुत कम कीमत पर हासिल करने की साजिश रची गई थी और इसके माध्यम से अवैध लाभ उठाया गया।
नेशनल हेराल्ड मामला लंबे समय से देश की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस पार्टी इसे लगातार राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताती रही है, जबकि ईडी का कहना है कि वह कानून के तहत स्वतंत्र रूप से जांच कर रही है।
अब दिल्ली हाईकोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई के बाद यह तय होगा कि राऊज एवेन्यू कोर्ट के निर्णय पर क्या प्रतिक्रिया दी जाएगी और क्या इस हाई-प्रोफाइल मामले में न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।