क्या नौसेना में शामिल होगी एमएच-60आर हेलीकॉप्टर्स की दूसरी स्क्वाड्रन?
सारांश
Key Takeaways
- एमएच-60आर हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना में शामिल हो रहे हैं।
- आईएनएएस 335 स्क्वाड्रन 17 दिसंबर को कमीशन होगी।
- यह हेलीकॉप्टर समुद्री सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- भारत और अमेरिका के बीच 7,995 करोड़ रुपए
- इससे भारतीय नौसेना की आधुनिकीकरण की दिशा में एक और कदम उठाया गया है।
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना के बेड़े में एक और अत्याधुनिक एमएच-60आर मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन को शामिल किया जा रहा है। यह हेलीकॉप्टर पारंपरिक युद्ध चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। साथ ही, यह विशेष हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना की समुद्री चुनौतियों से निपटने की क्षमता को भी और मजबूत करेगा।
इस आधुनिक हेलीकॉप्टर को विश्व के सबसे उन्नत नौसैनिक हेलीकॉप्टरों में से एक माना जाता है। इसमें लगे हथियार, उन्नत सेंसर और अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम इसे एक बहुउद्देश्यीय और अत्यधिक सक्षम प्लेटफॉर्म बनाते हैं। इस स्क्वाड्रन के साथ, भारतीय नौसेना अपनी आधुनिकीकरण और परिचालन क्षमता में वृद्धि की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है।
नौसेना के अनुसार, दूसरी एमएच-60आर मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन, ‘आईएनएएस 335’, को 17 दिसंबर को बेड़े में शामिल किया जाएगा। आईएनएस हंसा, गोवा में औपचारिक कमीशनिंग समारोह होगा। इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
पहले ही, एमएच-60आर हेलीकॉप्टर नौसेना के ऑपरेशन्स में पूरी तरह से एकीकृत हो चुका है और विभिन्न नौसैनिक अभियानों में अपनी विश्वसनीयता और प्रभावशीलता साबित कर चुका है। अब इसकी दूसरी स्क्वाड्रन की कमीशनिंग से नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह युद्ध, निगरानी एवं टोही, और खोज एवं बचाव अभियानों में महत्वपूर्ण मजबूती मिलेगी।
आईएनएएस 335 की कमीशनिंग के साथ ही भारतीय नौसेना की इंटीग्रल एविएशन क्षमताओं को एक महत्वपूर्ण बढ़त प्राप्त होगी। यह स्क्वाड्रन समुद्री सीमाओं की सुरक्षा, हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और भारत के समुद्री हितों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कुल मिलाकर, आईएनएएस 335 का कमीशन समारोह भारतीय नौसेना के भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
इसके साथ ही, इन हेलीकॉप्टर्स को लेकर भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता भी हुआ है। 7,995 करोड़ रुपए का यह समझौता भारतीय नौसेना के एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों के रख-रखाव हेतु है।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अमेरिकी सरकार के साथ 7,995 करोड़ रुपएएमएच-60आर मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर बेड़े को फॉलो-ऑन सपोर्ट और फॉलो-ऑन सप्लाई सपोर्ट प्रदान करेगा। समझौते पर 28 नवंबरराजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए थे। यह सस्टेनमेंट सपोर्ट पैकेज नौसेना के एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों के लिए व्यापक रख-रखाव और समर्थन प्रणाली प्रदान करेगा।
इसमें हेलीकॉप्टर के स्पेयर्स और सपोर्ट उपकरणों की आपूर्ति, प्रोडक्शन सपोर्ट, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान करना शामिल है। इसके अलावा, आवश्यक पुर्जों की मरम्मत और पुन आपूर्ति भी इस समझौते का हिस्सा है। समझौते के तहत भारत में इंटरमीडिएट लेवल रिपेयर सुविधाओं और पीरियॉडिक मेंटेनेंस इंस्पेक्शन सुविधाओं की स्थापना की जाएगी।