क्या नवादा में मतगणना केंद्र के 100 मीटर के दायरे में प्रतिबंध लागू है?
सारांश
Key Takeaways
- मतगणना केंद्र के 100 मीटर के दायरे में किसी प्रकार की सभा वर्जित है।
- रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग निषिद्ध है।
- साम्प्रदायिक भावना भड़काने पर सख्त कार्रवाई होगी।
- इस आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
- मतगणना दिवस पर शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के लिए सहयोग करें।
नवादा, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में 11 नवंबर को द्वितीय चरण के मतदान के पश्चात नवादा के केएलएस कॉलेज परिसर में मतगणना की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। इस बीच, जिले में शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और व्यवस्थित माहौल बनाए रखने के उद्देश्य से जिला दंडाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी रवि प्रकाश ने एक आदेश जारी किया है।
आदेश में बताया गया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 6 अक्टूबर को चुनाव कार्यक्रम के उद्घाटन के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। मतगणना दिवस पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था, अशांति या अनुशासनहीनता की संभावना को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत महत्वपूर्ण प्रतिबंध लागू किए हैं। यह आदेश 14 नवंबर से लेकर आदर्श आचार संहिता की समाप्ति तक प्रभावी रहेगा।
जारी आदेश के अनुसार, मतगणना केंद्र के 100 मीटर के दायरे में किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार से संबंधित चार या अधिक व्यक्तियों का एकत्रित होना वर्जित है। राजनीतिक या चुनावी उद्देश्यों के लिए किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, धरना, प्रदर्शन या विजय जुलूस पर भी प्रतिबंध रहेगा।
इसके साथ ही, ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर भी रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रोक लगाई गई है, जैसा कि बिहार लाउडस्पीकर अधिनियम 1955 के तहत प्रावधानित है।
जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति या संगठन किसी प्रकार का पोस्टर, पर्चा, आलेख या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आपत्तिजनक सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण नहीं करेगा।
किसी भी प्रकार की साम्प्रदायिक भावना भड़काने, डराने-धमकाने या हिंसक कार्यवाही करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मतगणना स्थल और जिले के अन्य क्षेत्रों में हथियारों का प्रदर्शन सख्त वर्जित रहेगा, हालाँकि यह प्रतिबंध विधि-व्यवस्था बनाए रखने वाले कर्मियों, पुलिस बल तथा परंपरागत रूप से शस्त्र धारण करने वाले समुदायों पर लागू नहीं होगा।
जिला दंडाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश पूर्व अनुमति प्राप्त सभाओं, विवाह-बारात, शव यात्रा, हाट-बाजार, अस्पताल में ले जाए जा रहे मरीजों, शिक्षण संस्थानों के छात्रों और कर्तव्यस्थ सरकारी कर्मचारियों तथा पुलिस बल पर लागू नहीं होगा।
उन्होंने चेतावनी दी है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 और 223 के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे मतगणना दिवस पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें ताकि चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न हो सके।