क्या नवाब मलिक को पीएमएलए कोर्ट से बड़ा झटका मिला?

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क्या नवाब मलिक को पीएमएलए कोर्ट से बड़ा झटका मिला?

सारांश

नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में पीएमएलए कोर्ट का बड़ा झटका मिला है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या है मलिक का बचाव।

Key Takeaways

  • नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।
  • पीएमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ आरोप तय किए हैं।
  • ईडी ने उन्हें फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था।
  • मलिक की कंपनी ने डिस्चार्ज याचिका दायर की थी, जो खारिज कर दी गई।
  • मामले में पर्याप्त प्राथमिक सबूत मौजूद हैं।

मुंबई, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक बड़ा झटका लगा है। पीएमएलए की विशेष अदालत ने नवाब मलिक के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। यह मामला साल 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर केस से संबंधित है।

ईडी ने नवाब मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर की मदद से मुंबई के कुर्ला में लगभग तीन एकड़ की जमीन को अवैध रूप से कब्जा किया। इस सौदे में 16 करोड़ रुपये की अपराध से अर्जित धन शामिल होने का आरोप है एवं फर्जी दस्तावेजों के उपयोग का भी आरोप लगाया गया है।

दाऊद इब्राहिम की संपत्ति से जुड़े पीएमएलए मामले में नवाब मलिक ने खुद को निर्दोष बताया, जिसके बाद विशेष पीएमएलए अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय किए।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान नवाब मलिक के वकील ने कहा कि हमने इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई के दौरान एएसजी अनिल सिंह ने उच्च न्यायालय से कहा था कि वह इस मामले से जुड़े दस्तावेज आरोपी पक्ष को देंगे और तब तक चार्ज फ्रेम नहीं किया जाएगा।

इससे पहले, पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने मलिक और उनकी कंपनी द्वारा दायर डिस्चार्ज याचिका को खारिज कर दिया था।

मलिक की कंपनी मलिक इन्फ्रास्ट्रक्चर ने डिस्चार्ज याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि ईडी का मामला अनुमान और अंदाजों पर आधारित है, क्योंकि जिस समय कथित अवैध सौदा हुआ, उस समय कंपनी का अस्तित्व नहीं था।

कोर्ट ने कंपनी की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि मामले में पर्याप्त प्राथमिक सबूत मौजूद हैं। कोर्ट ने कहा कि प्रारंभिक जांच से स्पष्ट होता है कि नवाब मलिक ने डी-कंपनी से जुड़े हसीना पारकर, सलीम पटेल और आरोपी सरदार खान के साथ मिलकर कुर्ला में एक कीमती प्लॉट को अवैध रूप से कब्जा किया और फिर उसे मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए वैध बनाने की कोशिश की। इस प्लॉट में 16 करोड़ रुपये की अपराध से अर्जित धन शामिल है।

Point of View

दोनों ही राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव डाल सकते हैं। यह घटना उन सभी के लिए एक चेतावनी है, जो कानून के दायरे से बाहर जाकर काम करते हैं।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

नवाब मलिक पर क्या आरोप हैं?
नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति के कब्जे के आरोप हैं।
पीएमएलए कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?
पीएमएलए कोर्ट ने नवाब मलिक के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं।
क्या नवाब मलिक ने अपनी निर्दोषता साबित की है?
नवाब मलिक ने खुद को निर्दोष बताया है, लेकिन कोर्ट ने उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए हैं।
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