क्या नई दिल्ली में एशिया प्रशांत दुर्घटना जांच समूह की 13वीं बैठक में भारत की मेजबानी महत्वपूर्ण है?

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क्या नई दिल्ली में एशिया प्रशांत दुर्घटना जांच समूह की 13वीं बैठक में भारत की मेजबानी महत्वपूर्ण है?

सारांश

नई दिल्ली में एशिया प्रशांत दुर्घटना जांच समूह की 13वीं बैठक का आयोजन हुआ है। यह भारत के लिए मेज़बानी का पहला अवसर है, जहाँ सुरक्षा मानकों पर जोर दिया गया। जानिए इस महत्वपूर्ण बैठक के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत पहली बार एशिया प्रशांत दुर्घटना जांच समूह का मेज़बान बना।
  • बैठक में 90 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  • आईसीएओ ने भारत की सुरक्षा पहलों की प्रशंसा की।
  • सुरक्षा अनुशंसाओं के कार्यान्वयन पर जोर दिया गया।

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने मंगलवार को विज्ञान भवन में चार दिवसीय एशिया प्रशांत दुर्घटना जांच समूह (एपीएसी-एआईजी) की 13वीं बैठक और कार्यशाला की शुरुआत की। यह पहला अवसर है जब भारत इस महत्वपूर्ण आयोजन का मेज़बान बना है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में लगभग 90 प्रतिनिधि एशिया प्रशांत क्षेत्र के दुर्घटना जांच प्राधिकरणों, आईसीएओ (अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से शामिल हुए।

एएआईबी के महानिदेशक जीवीजी युगंधर ने स्वागत भाषण में आईसीएओ सुरक्षा पहलों में भारत की सक्रिय भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने 42वीं आईसीएओ महासभा में "नियंत्रित उड़ान से भू-भाग (सीएफआईटी) दुर्घटनाओं की रोकथाम" पर भारत के सूचना पत्र, सुरक्षा अनुशंसाओं के समय पर कार्यान्वयन और सिंगापुर एयरलाइंस की क्लियर एयर टर्बुलेंस जांच में भागीदारी का उल्लेख किया।

युगंधर ने जांचकर्ताओं से गहन जांच और सुझाव देकर वैश्विक दुर्घटनाओं को कम करने का आह्वान किया। उन्होंने सदस्य देशों को दोष जांच के लिए भारतीय विमानन प्रयोगशाला सुविधाओं की पेशकश की।

विदेशी प्रतिनिधियों को भारत की सांस्कृतिक विरासत और योग का अन्वेषण करने के लिए प्रेरित किया गया। सभी को वाई-ब्रेक वाली पुस्तक और आयुष मंत्रालय का 'रेज वेलनेस' ऐप उपहार में दिया गया। 29 अक्टूबर को अक्षरधाम मंदिर का निर्देशित भ्रमण भी निर्धारित है।

आईसीएओ एपीएसी-एआईजी के अध्यक्ष स्टुअर्ट गोडले और सचिव अनम ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बैठक दुर्घटना/घटना जांच अधिकारियों के बीच विशेषज्ञता, अनुभव और सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगी। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना और जांच क्षमता में सुधार करना है। अध्यक्ष ने सुरक्षा अनुशंसाओं के कार्यान्वयन पर जोर दिया और भारत सरकार व एएआईबी का आभार व्यक्त किया।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने संबोधन में बताया कि भारत ने आईसीएओ अनुलग्नक 13 के मानकों को विमान (दुर्घटनाओं और घटनाओं की जांच) नियम, 2017 के रूप में अपनाया है।

सिन्हा ने आईसीएओ ऑडिट में डीजीसीए और एएआईबी के बेहतर प्रदर्शन की सराहना की।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू का संदेश एएआईबी के महानिदेशक ने पढ़ा। मंत्री ने कहा, "एशिया-प्रशांत क्षेत्र सहयोगात्मक प्रयासों से सुरक्षा निगरानी और दुर्घटना निवारण में मानक स्थापित कर रहा है।"

Point of View

बल्कि यह क्षेत्रीय सहयोग को भी बढ़ावा देगा।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत ने एशिया प्रशांत दुर्घटना जांच समूह की मेज़बानी क्यों की?
भारत ने पहली बार एशिया प्रशांत दुर्घटना जांच समूह की मेज़बानी की है ताकि क्षेत्रीय सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाया जा सके।
इस बैठक में कितने प्रतिनिधियों ने भाग लिया?
लगभग 90 प्रतिनिधियों ने इस बैठक में भाग लिया, जो एशिया प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न संगठनों से थे।
आईसीएओ की भूमिका इस बैठक में क्या थी?
आईसीएओ ने सुरक्षा पहलों में भारत की सक्रिय भूमिका को मान्यता दी और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रयास जारी रखे।