क्या एनसीआर में जहरीली हवा का कहर है? नोएडा सबसे अधिक प्रभावित, वर्क फ्रॉम होम की मांग क्यों बढ़ी?

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क्या एनसीआर में जहरीली हवा का कहर है? नोएडा सबसे अधिक प्रभावित, वर्क फ्रॉम होम की मांग क्यों बढ़ी?

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग वर्क फ्रॉम होम की मांग कर रहे हैं। जानें कैसे नोएडा में हालात गंभीर हो चुके हैं और सरकार क्या कदम उठा रही है।

Key Takeaways

  • दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता गंभीर है।
  • नोएडा में एक्यूआई 468 है, जो सबसे अधिक है।
  • वर्क फ्रॉम होम की मांग बढ़ रही है।
  • सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।
  • बच्चों की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में चल रही है।

नोएडा, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में आ गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली और नोएडा के अधिकांश क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से 450 के बीच पहुंच चुका है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

हालात इतने खराब हैं कि लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है और आंखों में जलन, खांसी व सांस संबंधी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। नोएडा में प्रदूषण का स्तर सबसे गंभीर है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, नोएडा के सेक्टर-1 में एक्यूआई 468 दर्ज किया गया, जो पूरे दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक है।

इसके अलावा, सेक्टर-125 में एक्यूआई 422, सेक्टर-116 में 420 और सेक्टर-62 में 366 रिकॉर्ड किया गया। इसका मतलब है कि नोएडा के सभी सक्रिय स्टेशनों पर हवा की गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, नोएडा भी अब दिल्ली की तर्ज पर सख्त कदम उठाने की मांग कर रहा है। दिल्ली के कई क्षेत्रों में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

आनंद विहार में 437, आर.के. पुरम में 436, विवेक विहार में 436, वजीरपुर में 404, रोहिणी में 396, अशोक विहार में 391 और चांदनी चौक में 386 एक्यूआई दर्ज किया गया। यहां तक कि अलीपुर, बुराड़ी क्रॉसिंग और डीटीयू जैसे क्षेत्रों में भी एक्यूआई 300 से ऊपर रहा। यह साफ संकेत है कि पूरी राजधानी और एनसीआर क्षेत्र प्रदूषण की चादर में लिपटा हुआ है।

आईएमडी के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में सुबह के समय घना कोहरा छाया हुआ है। 19 दिसंबर को ‘डेंस फॉग’ की चेतावनी जारी की गई है, जबकि आने वाले दिनों में भी मध्यम से घना कोहरा बने रहने की संभावना है। नमी का स्तर 95 से 100 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जिससे प्रदूषक तत्व हवा में लंबे समय तक टिके रह रहे हैं।

प्रदूषण बढ़ने के बाद ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप -4) लागू किया गया है। नियमों के उल्लंघन पर प्रशासन ने सख्त अभियान चलाया। नोएडा में 10 स्थानों पर कार्रवाई कर 3.40 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया, जबकि ग्रेटर नोएडा में 46 स्थानों पर 49.45 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर यातायात पुलिस बीएस -6 मानक से नीचे के वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक रही है और उन्हें वापस लौटाया जा रहा है। इससे बॉर्डर पर ट्रैफिक भी प्रभावित हो रहा है।

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लोग दिल्ली की तर्ज पर नोएडा में भी वर्क फ्रॉम होम की मांग कर रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर जिले में बच्चों की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में चल रही है, ताकि छात्रों की सेहत पर कम असर पड़े। साथ ही खेल-कूद और बाहरी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

Point of View

हमें इस स्थिति की गंभीरता को समझना चाहिए। प्रदूषण का स्तर बढ़ना न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह समग्र विकास और जनजीवन को भी प्रभावित कर रहा है। हमें मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

नोएडा में प्रदूषण का स्तर क्या है?
नोएडा में एक्यूआई 468 दर्ज किया गया है, जो पूरे दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक है।
दिल्ली-एनसीआर में वर्क फ्रॉम होम की मांग क्यों बढ़ रही है?
बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग वर्क फ्रॉम होम की मांग कर रहे हैं ताकि उनकी सेहत पर कम असर पड़े।
क्या सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कोई कदम उठाए हैं?
हां, ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप -4) लागू किया गया है और नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
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