क्या एनआईए ने देश के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप में भाकपा (माओवादी) नेता के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया?

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क्या एनआईए ने देश के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप में भाकपा (माओवादी) नेता के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया?

सारांश

एनआईए की ओर से दायर आरोपपत्र ने माओवादी साजिश में सी.पी. मोइदीन की संलिप्तता को उजागर किया है। क्या यह मामला देश में सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है? जानें पूरी कहानी इस लेख में।

Key Takeaways

  • एनआईए ने भाकपा (माओवादी) नेता के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।
  • सी.पी. मोइदीन पर भारत विरोधी षड्यंत्र के आरोप हैं।
  • जांच में उसकी माओवादी गतिविधियों की पुष्टि हुई।
  • मोइदीन ने डब्ल्यूजीएसजेडसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • मामला तेलंगाना पुलिस से एनआईए के पास आया।

नई दिल्ली, १८ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन के एक प्रमुख नेता के खिलाफ भारत विरोधी षड्यंत्र के एक मामले में आरोपपत्र दायर किया।

इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत, हैदराबाद में दायर पूरक आरोपपत्र में, सी.पी. मोइदीन उर्फ गिरीश पर यूए(पी) अधिनियम, १९६७ और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।

जांच के अनुसार, मोइदीन भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की माओवादी साजिश में सक्रिय रूप से शामिल था। साक्ष्य ने भाकपा (माओवादी) की पश्चिमी घाट विशेष क्षेत्रीय समिति (डब्ल्यूजीएसजेडसी) में उसकी केंद्रीय भूमिका की पुष्टि की।

एनआईए की आगे की जांच में यह भी पता चला कि वह डब्ल्यूजीएसजेडसी का सदस्य था और सितंबर २०२३ में केंद्रीय समिति के सदस्य संजय दीपक राव की गिरफ्तारी के बाद उसने डब्ल्यूजीएसजेडसी के सचिव का पदभार संभाला।

जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि मोइदीन डब्ल्यूजीएसजेडसी में पीएलजीए दस्तों की देखरेख, भर्ती अभियानों का नेतृत्व, माओवादी विचारधारा का प्रचार और केरल-कर्नाटक-तमिलनाडु त्रि-जंक्शन पर सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर हिंसक कार्रवाइयों की योजना बनाता था।

मोइदीन को अगस्त २०२४ में केरल पुलिस ने हिरासत में लिया और जनवरी २०२५ में एनआईए ने आरसी-०१/२०२४/एनआईए/एचवाईडी मामले में औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।

यह मामला मूल रूप से तेलंगाना पुलिस द्वारा सितंबर २०२३ में संजय दीपक राव की गिरफ्तारी के बाद भाकपा (माओवादी) और उसके प्रमुख संगठनों के कार्यकर्ताओं/सदस्यों के खिलाफ दर्ज किया गया था। संजय राव को तब पकड़ा गया जब उसके पास से हथियार और गोला-बारूद के साथ-साथ माओवादी साहित्य भी बरामद हुआ।

इसके बाद, मामले को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया, जिसने राव के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया और सीपीआई (माओवादी) के पुनरुत्थान के प्रयासों को विफल करने तथा उसके शहरी और सशस्त्र नेटवर्क को ध्वस्त करने के अपने प्रयासों के तहत जांच को आगे बढ़ाया।

Point of View

एनआईए की कार्रवाई यह दर्शाती है कि सुरक्षा एजेंसियाँ किसी भी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ सख्त हैं। भाकपा (माओवादी) के खिलाफ कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि सरकार शांति और सुरक्षा के प्रति गंभीर है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

एनआईए ने आरोपपत्र किसके खिलाफ दायर किया?
एनआईए ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन के एक शीर्ष नेता सी.पी. मोइदीन के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।
मोइदीन पर क्या आरोप हैं?
मोइदीन पर यूए(पी) अधिनियम, 1967 और आईपीसी की धाराओं के तहत आरोप हैं कि वह भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने में शामिल था।
क्या एनआईए ने पहले भी ऐसे मामलों में कार्रवाई की है?
हाँ, एनआईए ने पहले भी भाकपा (माओवादी) और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं।