क्या एनआईए ने चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले में मुख्य आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया?

सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले के मुख्य आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
- यह हमला बीकेआई के आतंकवादियों द्वारा योजनाबद्ध किया गया था।
- अभिजोत सिंह को सह-साजिशकर्ता के रूप में चिह्नित किया गया है।
- जांच में अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है।
- यह मामला आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में घटित ग्रेनेड हमले के मुख्य आरोपी अभिजोत सिंह उर्फ बब्बा उर्फ गोपी के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया है।
यह हमला बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के आतंकवादियों द्वारा योजनाबद्ध किया गया था। विशेष एनआईए अदालत में यह पूरक आरोप पत्र शुक्रवार को पेश किया गया। अभिजोत सिंह, जो पंजाब का निवासी है, अप्रैल 2025 में इस मामले में गिरफ्तार हुआ था।
इस हमले का उद्देश्य एक सेवानिवृत्त पंजाब पुलिस अधिकारी को निशाना बनाना था, ताकि समाज में भय का वातावरण उत्पन्न किया जा सके। एनआईए की जांच में यह सामने आया कि इस साजिश की योजना पाकिस्तान में स्थित बीकेआई के आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और अमेरिका में निवास करने वाले गैंगस्टर हैप्पी पासिया ने मिलकर बनाई थी। पासिया ने भारत में आतंकवादियों की भर्ती की और उन्हें धन एवं हथियार के साथ विस्फोटक प्रदान किए।
रिंदा और पासिया को पिछले साल मार्च में भगोड़ा घोषित किया गया था, जब रोहन मसीह और विशाल मसीह को गिरफ्तार किया गया था। जांच में अभिजोत सिंह को सह-साजिशकर्ता के रूप में चिन्हित किया गया। जांच के अनुसार, अभिजोत दिसंबर 2023 में आर्मेनिया गया था, जहां उसे हैप्पी पासिया के गुट शमशेर शेरा ने भर्ती किया। भारत लौटने के बाद, जुलाई 2024 में उसने लक्षित व्यक्ति की रेकी की और रोहन मसीह के साथ मिलकर अगस्त 2024 में हत्या का प्रयास किया। इसके लिए उसे बीकेआई से विदेश से फंडिंग प्राप्त हुई। इसके बाद, सितंबर 2024 में रोहन और विशाल ने ग्रेनेड हमले को अंजाम दिया।
एनआईए का कहना है कि अभिजोत ने आतंकवादी गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब एजेंसी उन अन्य आरोपियों और सहयोगियों की खोज कर रही है जो साजिश में फील्ड ऑपरेटिव्स को रसद, हथियार और सहायता प्रदान करते थे। यह मामला आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जांच जारी है और एनआईए भगोड़े आतंकवादियों को पकड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मांग कर सकती है।