क्या केएफडीसी कार्यालय पर हमले में दो और माओवादियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- केरल के वायनाड में केएफडीसी कार्यालय पर माओवादी हमले का मामला।
- एनआईए ने दो और माओवादियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।
- आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता और अन्य अधिनियमों के तहत आरोप लगाए गए हैं।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केरल के वायनाड में स्थित केएफडीसी कार्यालय पर 2023 में हुए हमले के सिलसिले में दो और माओवादी आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।
केरल के एर्नाकुलम में एनआईए की विशेष अदालत में दाखिल किए गए पूरक आरोपपत्र में, आरोपियों संतोष कुमार ए उर्फ राजा और एचएस रवींद्र उर्फ कोट्टेहोंडा रवि उर्फ मनोज पर भारतीय दंड संहिता (पहले), शस्त्र अधिनियम, पीडीपीपी अधिनियम, यूए (पी) अधिनियम और केरल वन अधिनियम, 1961 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
इससे पहले एनआईए ने आरसी-03/2024/एनआईए/केओसी मामले में तीन अन्य आरोपियों सीपी मोइदीन, मनोज पी.एम. और पीके सोमन के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया था। सभी पांचों आरोपियों को एनआईए ने पहले ही गिरफ्तार किया था, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में थलापुझा पुलिस से जांच का जिम्मा लिया था।
घातक हथियारों से लैस होकर, इन पांचों आरोपियों ने 28 सितंबर 2023 को वायनाड में केरल वन विभाग निगम (केएफडीसी) कार्यालय में आपराधिक रूप से घुसपैठ की थी। नारे लगाते हुए सीपीआई (माओवादी) के सदस्य प्रबंधक को जबरन पकड़ने के साथ-साथ बंदूक की नोक पर अन्य कर्मचारियों को धमकाते हुए, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और कार्यालय परिसर में सीपीआई (माओवादी) के पोस्टर चिपकाने का कार्य किया।
इससे पहले, एनआईए ने आईएसआईएस और अन्य आतंकवादी संगठनों से जुड़ी एक बड़ी आतंकी साजिश का भंडाफोड़ करते हुए भारत के पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
एनआईए ने बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में कुल 21 स्थानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान कई डिजिटल उपकरण, मोबाइल फोन और संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए थे।