क्या तमिलनाडु ने नीलगिरी में प्लास्टिक की बोतलों पर रोक लगाने के लिए कड़ी जांच शुरू की?
सारांश
Key Takeaways
- प्लास्टिक बोतलों पर सख्त प्रतिबंध लागू किया गया है।
- बस ड्राइवरों और कंडक्टरों को यात्रियों को सूचित करना होगा।
- स्रोत पर रोक लगाकर प्लास्टिक कचरे को कम करने का प्रयास।
- अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
- यह आदेश पर्यावरण सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
चेन्नई, 9 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम (ऊटी क्षेत्र) ने नीलगिरी जिले में प्लास्टिक प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए नया दिशा-निर्देश जारी किया है। अब ऊटी और नीलगिरी की ओर जाने वाली बसों में यात्री प्रतिबंधित प्लास्टिक की पेयजल और शीतल पेय की बोतलें नहीं ले जा सकेंगे।
शिकायतें आ रही थीं कि प्रतिबंध के बावजूद यात्री अब भी प्लास्टिक बोतलें लेकर पहाड़ी क्षेत्रों में जा रहे हैं। इसके बाद, ऊटी क्षेत्र के तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम के महाप्रबंधक एम. जयशंकर ने सभी ड्राइवरों और कंडक्टरों को स्पष्ट आदेश दिया है कि वे यात्रियों को बस रवाना होने से पहले इस बारे में सूचित करें।
निर्देश में कहा गया है कि मेट्टूपालयम बस स्टैंड (कोयम्बटूर) से नीलगिरी की ओर जाने वाली सभी बसों में चालक और परिचालक सुनिश्चित करें कि कोई भी यात्री प्रतिबंधित प्लास्टिक सामान लेकर न जाए। बस स्टैंड के जिम्मेदार अधिकारियों को भी बसों की निगरानी करने को कहा गया है।
आदेश में यह चेतावनी दी गई है कि यदि किसी कर्मचारी ने इस नियम का पालन नहीं कराया, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम नीलगिरी के पर्यावरण को सुरक्षित रखने और पर्यटन मार्गों पर फैलने वाले कचरे को कम करने के लिए उठाया गया है। प्रशासन कई वर्षों से इस क्षेत्र में प्लास्टिक पर कड़ा प्रतिबंध लागू कर रहा है।
जयशंकर ने यह भी बताया कि केवल लिखित आदेश ही नहीं, बल्कि ड्राइवर और कंडक्टरों को यात्रियों को मौखिक निर्देश भी दिए जाएंगे कि वे प्लास्टिक बोतलें न रखें। यह घोषणा बस के मेट्टूपालयम से चलने से पहले अवश्य की जाए।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल ऊटी क्षेत्र की बसों के लिए नहीं है, बल्कि अन्य क्षेत्रों से नीलगिरी की ओर जाने वाली बसों में भी यही नियम लागू होगा। जयशंकर ने कहा, "अन्य टीएनएसटीसी शाखाओं से नीलगिरी के गंतव्यों तक चलने वाली बसों के ड्राइवरों और कंडक्टरों को भी यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि यात्री प्रतिबंध का पालन करें।"
प्रशासन का मानना है कि स्रोत पर ही रोक लगाने से नीलगिरी जैसे संवेदनशील पहाड़ी क्षेत्र में प्लास्टिक कचरे के प्रवेश को काफी हद तक रोका जा सकेगा।