क्या नर्स निमिषा प्रिया को यमन में फांसी की सजा से बचाया जा सकेगा?

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क्या नर्स निमिषा प्रिया को यमन में फांसी की सजा से बचाया जा सकेगा?

सारांश

यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। 'सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल' ने यमन जाकर मृतक के परिवार से बातचीत की अनुमति मांगी, जिससे उनकी सजा को कम करने की संभावना बन सके। क्या सुप्रीम कोर्ट इस पर कोई निर्णय ले पाएगा?

Key Takeaways

  • निमिषा प्रिया को यमन में फांसी की सजा का सामना करना पड़ रहा है।
  • सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई हो रही है।
  • ‘सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल’ ने यमन जाकर बातचीत की अनुमति मांगी है।
  • भारत सरकार इस मामले में सक्रिय रूप से शामिल है।
  • अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।

नई दिल्ली, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी की सजा से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस मामले में ‘सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल’ नामक संगठन ने अदालत से अनुमति मांगी कि उन्हें यमन जाकर मृतक के परिवार वालों से बातचीत करने का अधिकार दिया जाए।

संगठन का मानना है कि मृतक के परिवार से संवाद करने के माध्यम से निमिषा की सजा को माफ करने या कम करने की संभावना है।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वे सरकार को ज्ञापन दें। सरकार अपने तरीके से इस पर निर्णय लेगी। हम इस पर कुछ नहीं कह सकते। इस मामले की अगली सुनवाई अब 16 अगस्त को होगी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि निमिषा की फांसी की सजा फिलहाल रोक दी गई है। उन्होंने इसके लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया।

वकील ने कहा कि अब उन्हें यमन जाकर मृतक के परिवार से बात करने की आवश्यकता है ताकि इस मामले में कोई सकारात्मक समाधान निकल सके।

वहीं, भारत सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमनी ने अदालत में कहा कि सरकार नहीं चाहती कि इस मामले में कोई गलत कदम उठे, जिसका नकारात्मक परिणाम हो। सरकार का उद्देश्य निमिषा प्रिया को सुरक्षित भारत वापस लाना है। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले में पूरी सावधानी और संवेदनशीलता से कार्य कर रही है।

ज्ञात हो कि केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया को यमन में एक हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी।

नर्स निमिषा प्रिया 2008 से यमन में निवास कर रही थीं। उन्होंने एक क्लीनिक की स्थापना की थी, लेकिन स्थानीय कानून का पालन करने के लिए यमन के नागरिक तलाल अब्दुल मेहदी को साझेदार बनाना पड़ा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, तलाल अब्दुल मेहदी ने बाद में निमिषा को परेशान करना शुरू कर दिया था। वह उनका पैसा हड़पने लगा और कथित तौर पर उनका पासपोर्ट भी छीन लिया था।

साल 2017 में पासपोर्ट वापस लेने की कोशिश में निमिषा ने तलाल अब्दुल मेहदी को बेहोश करने के लिए एक इंजेक्शन लगाया, लेकिन इससे मेहदी की मौत हो गई थी। इसी मामले में निमिषा प्रिया को फांसी की सजा दी गई है।

Point of View

बल्कि यह भारत और यमन के संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्याय का मार्ग प्रशस्त हो, और किसी भी व्यक्ति के मानवाधिकारों का उल्लंघन न हो।
NationPress
18/07/2025

Frequently Asked Questions

निमिषा प्रिया को कब फांसी की सजा सुनाई गई थी?
निमिषा प्रिया को यमन में 2017 में एक हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी।
क्या याचिकाकर्ता को यमन जाने की अनुमति मिली?
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सरकार के पास ज्ञापन देने का निर्देश दिया।
भारत सरकार का इस मामले में क्या रुख है?
भारत सरकार का उद्देश्य निमिषा प्रिया को सुरक्षित वापस लाना है।
निमिषा प्रिया का यमन में क्या इतिहास है?
निमिषा प्रिया 2008 से यमन में रह रही थीं और उन्होंने एक क्लीनिक शुरू किया था।
क्या निमिषा की सजा रोकी गई है?
हां, निमिषा की फांसी की सजा फिलहाल रोक दी गई है।