क्या नोएडा में दुकान के नाम को लेकर राजनीति गरमाई है? आरएलडी महासचिव ने कहा- पोस्टर लगाने से कोई हिंदू नहीं बन जाता

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क्या नोएडा में दुकान के नाम को लेकर राजनीति गरमाई है? आरएलडी महासचिव ने कहा- पोस्टर लगाने से कोई हिंदू नहीं बन जाता

सारांश

नोएडा में दुकान के नाम को लेकर विवाद ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। त्रिलोक त्यागी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जानिए इस विवाद के पीछे की सच्चाई और इसके सामाजिक प्रभाव क्या हैं।

Key Takeaways

  • राजनीतिक रंग में रंगा विवाद
  • धार्मिक भावनाओं का उपयोग करना खतरनाक
  • सामाजिक सामंजस्य के लिए सचेत रहना जरूरी
  • बिना आधार के दिखावे की आलोचना
  • लोकतंत्र के खिलाफ जबरन बदलाव नहीं स्वीकार

नोएडा/नई दिल्ली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दुकान के नाम को लेकर शुरू हुआ विवाद अब राजनीतिक रंग ले चुका है। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने इस मुद्दे पर कहा कि किसी के कहने या पोस्टर लगाने से कोई हिंदू नहीं बन जाता।

त्यागी ने कहा कि कुछ लोग नाम का उपयोग करके सस्ती राजनीति कर रहे हैं और लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "दुकानों पर गलत नाम लिखे जा रहे हैं और इसे जानबूझकर एक राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है। यह नामकरण के नाम पर राजनीति है।"

त्यागी ने ऐसी गतिविधियों को समाज को बांटने वाला बताया और कहा कि इससे नफरत फैल रही है। उन्होंने बरेली में देखी गई एक घटना का भी जिक्र किया। त्यागी ने कहा, "आज सुबह मैं बरेली में था, वहां कुछ लड़कों को देखा जो सब्जियों की ठेलियों पर 'मैं हिंदू हूं' लिखे पोस्टर चिपका रहे थे।"

उन्होंने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि किसी के कहने या पोस्टर लगाने से कोई हिंदू नहीं बन जाता। त्यागी ने कहा, "जो जन्म से हिंदू है, वही सनातनी है। ये लोग जो अब भगवा कपड़े पहनकर खुद को हिंदू साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, वो दिखावा कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि धर्म और आस्था को राजनीति का हिस्सा बनाना बेहद खतरनाक है।

त्यागी ने कहा, "धार्मिक भावनाओं को भड़काकर कुछ लोग अपना राजनीतिक लाभ ढूंढ रहे हैं, लेकिन जनता अब समझदार हो चुकी है।"

राष्ट्रीय लोकदल नेता ने प्रशासन से अपील की कि इस तरह की गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाई जाए और सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा, "दुकानों के नाम को लेकर जबरन बदलाव या किसी विशेष धर्म को बढ़ावा देना लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है।"

--आईएनएस

वीकेयू/जीकेटी

Point of View

यह आवश्यक है कि हम इस विवाद को एक तटस्थ दृष्टिकोण से देखें। राजनीति और धर्म का मिश्रण समाज में अव्यवस्था और नफरत को जन्म दे सकता है। हमें यह समझना होगा कि धार्मिक भावनाओं का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए करना अत्यंत खतरनाक है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

दुकान के नाम को लेकर विवाद क्यों हो रहा है?
दुकान के नाम को लेकर विवाद इसलिए हो रहा है क्योंकि इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है और कुछ लोग इसे धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
आरएलडी महासचिव त्रिलोक त्यागी ने क्या कहा?
त्रिलोक त्यागी ने कहा कि किसी के कहने या पोस्टर लगाने से कोई हिंदू नहीं बन जाता और इस तरह की गतिविधियाँ समाज को बांटने वाली हैं।