क्या नोएडा के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव आर्यका अखौरी ने खामियों पर सख्ती दिखाई?
सारांश
Key Takeaways
- विशेष सचिव का निरीक्षण महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए है।
- मरीजों की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है।
- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
- डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- सुविधा के लिए वॉलंटियर तैनात किए जाएंगे।
नोएडा, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव आर्यका अखौरी ने शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाओं और व्यवस्थाओं की वास्तविकता का आकलन करने के लिए नोएडा के जिला अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल परिसर में विभिन्न व्यवस्थाओं का गहनता से मूल्यांकन किया और मरीजों एवं उनके तीमारदारों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं। निरीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने विशेष सचिव को अपनी शिकायतें भी प्रस्तुत कीं।
निरीक्षण के दौरान, विशेष सचिव आर्यका अखौरी ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर, और मेडिकल स्टोर रूम सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों का अवलोकन किया। इस दौरान सबसे प्रमुख शिकायत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में हो रही देरी के बारे में सामने आई। मरीजों ने बताया कि सुबह से ही लंबी कतारें लग जाती हैं और रजिस्ट्रेशन में अधिक समय लगने के कारण उन्हें डॉक्टर को दिखाने में कठिनाई होती है। कई मरीजों ने यह भी कहा कि बुजुर्गों और गंभीर रूप से बीमार लोगों को लाइन में खड़े रहने में विशेष कठिनाई होती है।
अस्पताल प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना लगभग 3 से 4 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें से करीब 88 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन माध्यम से हो रहे हैं। इसके बावजूद ग्राउंड लेवल पर व्यवस्थाओं में कमी के कारण लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विशेष सचिव आर्यका अखौरी ने रजिस्ट्रेशन काउंटरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए, ताकि मरीजों को लंबा इंतजार न करना पड़े। इसके साथ ही उन्होंने स्कैन एवं शेयर काउंटरों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए, जिससे डिजिटल प्रक्रिया को और सुचारु बनाया जा सके।
विशेष सचिव ने कहा कि सरकार का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाना है, लेकिन इसका लाभ तभी मिलेगा जब मरीजों को मौके पर उचित मार्गदर्शन और सहायता मिले। निरीक्षण के दौरान विशेष सचिव ने अस्पताल प्रशासन को यह भी निर्देश दिए कि जनता की सहायता और सहयोग के लिए वॉलंटियर तैनात किए जाएं। ये वॉलंटियर मरीजों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, ओपीडी कक्ष, जांच काउंटर और दवाइयों की जानकारी देने में मदद करेंगे, जिससे भीड़ और अव्यवस्था पर नियंत्रण पाया जा सके।
आर्यका अखौरी ने स्पष्ट कहा कि मरीजों की सुविधा सर्वोपरि है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को शीघ्र सुधारात्मक कदम उठाने और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए।