क्या उद्योगपति नुस्ली नेविल वाडिया की मुश्किलें बढ़ गईं हैं? 30 साल पुराने मामले में 7 लोगों पर एफआईआर

सारांश
Key Takeaways
- 30 साल पुराना मामला नुस्ली नेविल वाडिया और उनके परिवार के खिलाफ एफआईआर।
- धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप।
- मलाड में भूखंड विकास समझौते से संबंधित विवाद।
- बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला।
- जांच अब पुलिस द्वारा शुरू की गई है।
मुंबई, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई के बांगुर नगर पुलिस थाने ने प्रसिद्ध उद्योगपति नुस्ली नेविल वाडिया और उनकी पत्नी समेत अन्य लोगों के खिलाफ 30 साल पुरानी शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई फेरानी होटल्स प्राइवेट लिमिटेड की शिकायत के आधार पर बोरीवली मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के बाद की गई।
पुलिस के अनुसार, उद्योगपति नुस्ली नेविल वाडिया (81), उनकी पत्नी मौरीन नुस्ली वाडिया (78), पुत्र नेस वाडिया (54), जहांगीर नुस्ली वाडिया (52), और अन्य कुल सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और वित्तीय लाभ के इरादे से नकली दस्तावेजों के इस्तेमाल के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 318(4), 331(2), 336(3), 339, 340(2), 61(2), और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है।
शिकायत में आरोप है कि वाडिया परिवार और अन्य ने वित्तीय लाभ के लिए जाली और मनगढ़ंत दस्तावेजों का उपयोग किया।
यह मामला मलाड में एक भूखंड से संबंधित 30 साल पुराने विकास समझौते से जुड़ा है, जिसमें वाडिया और फेरानी होटल्स के बीच विवाद हुआ। फेरानी होटल्स को बिल्डर के. रहेजा के साथ मिलकर इस जमीन का विकास करना था, जिसमें वाडिया को बिक्री आय का 12 प्रतिशत हिस्सा मिलना था।
2008 में हिस्सेदारी और जमीन के प्रबंधन को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
फेरानी होटल्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेंद्र चंदे (70) ने आरोप लगाया कि वाडिया परिवार ने 2010 में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक कमर्शियल मामले में जाली दस्तावेज पेश किए। चंदे ने 15 मार्च 2025 को बांगुर नगर पुलिस थाने और 24 मार्चमुंबई पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज की थी, लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होंने बोरीवली कोर्ट का रुख किया।
कोर्ट के आदेश पर अब पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।