क्या ओडिशा में भुवनेश्वर के बीएमसी इंजीनियर के ठिकानों पर विजिलेंस ने छापे मारे?

सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता विभाग की कार्रवाई जारी है।
- जगन्नाथ पटनायक के ठिकानों पर छापेमारी हुई।
- कई पुलिस अधिकारियों ने इस कार्रवाई में भाग लिया।
- महत्वपूर्ण संपत्तियाँ जब्त की गईं।
- ओडिशा में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नया अध्याय शुरू हो रहा है।
भुवनेश्वर, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा में भ्रष्टाचार के मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सतर्कता विभाग (विजिलेंस विभाग) की कार्रवाई जारी है। इसी के तहत बुधवार को सतर्कता विभाग ने आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में राज्य के विभिन्न जिलों में छापेमारी की। भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के कार्यकारी अभियंता जगन्नाथ पटनायक के ठिकानों पर यह छापेमारी की गई।
इस कार्रवाई के दौरान 6 पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी), 10 निरीक्षकों और कई सहायक कर्मचारियों की एक टीम ने बुधवार को 4 ठिकानों पर छापे मारे। जगन्नाथ पटनायक के खिलाफ सर्च वारंट जारी हुआ था।
जानकारी के अनुसार, भुवनेश्वर के बडागडा में स्थित एक तीन मंजिला आवासीय इमारत, बीएमसी कार्यालय, खोरधा जिले के बलियांता तहसील के अंतर्गत मौजा राणापुर में स्थित एक फार्महाउस और रायगढ़ जिले में उनके पैतृक घर पर ओडिशा सतर्कता विभाग की टीमें पहुंचीं।
इससे पहले, मंगलवार को ओडिशा के क्योंझर में सतर्कता अधिकारियों ने डीएफओ नित्यानंद नायक को गिरफ्तार किया।
आरोपी अधिकारी नित्यानंद नायक वर्तमान में क्योंझर जिले के केंदु लीफ डिवीजन में प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) के पद पर तैनात हैं। उन पर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में छापेमारी की गई थी। 3 जिलों में 7 ठिकानों पर छापे मारे गए और करोड़ों की संपत्ति जब्त की गई, जिसमें एक चार मंजिला इमारत, फार्महाउस, वाहन, सोना, नकदी और हथियार शामिल हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता विभाग की ओर से तीन दिनों तक चलाए गए अभियान के बाद नित्यानंद नायक को अदालत में पेश किया गया।
ओडिशा सतर्कता विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि नित्यानंद नायक से जुड़े कई ठिकानों पर की गई तलाशी के दौरान करोड़ों की संपत्ति का पता चला। सतर्कता अधिकारी तब दंग रह गए जब उन्हें पता चला कि डीएफओ नित्यानंद नायक और उनके परिवार के पास अंगुल जिले के एक ही ब्लॉक में 115 प्लॉट हैं।