क्या ओडिशा के मुख्यमंत्री ने विभागों को डीएमएफ ऑडिट और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने डीएमएफ की ऑडिट और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
- 34,052 करोड़ रुपए की राशि एकत्र की गई है।
- बुनियादी सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने का लक्ष्य।
भुवनेश्वर, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को विभिन्न विभागों के सचिवों को हर जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) की ऑडिट रिपोर्ट और वार्षिक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।
माझी ने भुवनेश्वर के लोक सेवा भवन में डीएमएफ से संबंधित एक महत्वपूर्ण उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस वर्ष अक्टूबर के अंत तक राज्य के 11 डीएमएफ जिलों से कुल 34,052 करोड़ रुपए एकत्र किए गए हैं, जिनमें से लगभग 55 प्रतिशत का उपयोग विभिन्न परियोजनाओं में किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री माझी ने अधिकारियों को बुनियादी सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए व्यय बढ़ाने की सलाह दी। बैठक में यह भी सामने आया कि 10 जिलों में डीएमएफ के पुनर्गठन के बाद, उनके ट्रस्ट बोर्ड की बैठकें पहले ही हो चुकी हैं।
बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने विभागीय सचिवों को प्रत्येक डीएमएफ की वार्षिक और लेखा परीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन निधियों का उपयोग क्षेत्र की बुनियादी जरूरतों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और संचार बुनियादी ढांचे को पूरा करने पर किया जाना चाहिए।
अधिकारियों को डीएमएफ ट्रस्ट बोर्ड की नियमित बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए ताकि विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाई जा सके।
जिन जिलों में डीएमएफ निधि का संग्रह 10 करोड़ रुपए या उससे अधिक है, उनके प्रशासन को एक बंदोबस्ती निधि स्थापित करने के लिए कहा गया है, जिसका निवेश सरकारी प्रतिभूतियों, अनुसूचित बैंकों के बॉंड या सावधि जमा में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बंदोबस्ती निधि उन क्षेत्रों में भविष्य की पीढ़ियों के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने के लिए उपयोग की जाएगी, जहां खनिज भंडार समाप्त हो गए हैं या जहां खनन कार्य किसी कारणवश बंद हो गए हैं।