क्या ओडिशा में न्याय की गुहार अनसुनी हो रही है?

सारांश
Key Takeaways
- न्याय की गुहार अनसुनी होना एक गंभीर सामाजिक समस्या है।
- उदासीन प्रशासन के कारण महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं।
- पूर्व मुख्यमंत्री का बयान प्रशासन की जिम्मेदारी की ओर इशारा करता है।
भुवनेश्वर, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने गुरुवार को केंद्रपाड़ा के पट्टामुंडई की एक लड़की की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया, जिसने कथित तौर पर न्याय की गुहार अनसुनी होने के बाद खुद को आग लगा लिया।
नवीन पटनायक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "यह जानकर बहुत दुख हुआ कि केंद्रपाड़ा के पट्टामुंडई की एक लड़की ने न्याय की गुहार अनसुना होने के बाद हताश होकर खुद को आग लगा ली। मेरी संवेदनाएं उसके परिवार के साथ हैं। इस दुख की घड़ी में मेरी प्रार्थनाएं उनके साथ हैं। ईश्वर उन्हें इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि एक महीने के भीतर, तीन युवतियों ने बिल्कुल एक जैसी परिस्थितियों में अपनी जान गंवा दी। इन मासूम जिंदगियों को निगलने वाली हर घातक आग ओडिशा में एक परेशान करने वाले पैटर्न की ओर इशारा करती है। हमारी धरती की तीन बेटियों की मौत हो गई, क्योंकि उदासीन प्रशासन हर मोड़ पर उनकी चीखें सुनने को तैयार नहीं था। राज्य भर में लगभग हर दिन महिलाओं के खिलाफ ऐसे कई जघन्य अपराध सामने आ रहे हैं।"
पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सवाल किया, "राज्य सरकार की नींद खुलने से पहले और कितनी चिताएं जलेंगी? सरकार के कदम उठाने से पहले और कितनी माताओं को अपनी बेटियों की अस्थियां थामनी पड़ेंगी?"
नवीन पटनायक की यह टिप्पणी केंद्रपाड़ा जिले के काठियापाड़ा गांव में कथित तौर पर आत्मदाह करने वाली एक लड़की की मौत के बाद आई है।
इससे पहले बालासोर के एफएम ऑटोनॉमस कॉलेज की एक छात्रा ने कथित तौर पर खुद को आग लगा ली थी। कुछ दिन बाद पुरी जिले के बलंगा की एक नाबालिग ने भी कथित तौर पर आत्मदाह कर लिया था। उसे एयरलिफ्ट करके दिल्ली के एम्स ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।