क्या ओम बिरला ने बारबाडोस में कॉमनवेल्थ सम्मेलन में तकनीक और लोकतंत्र पर कार्यशाला की अध्यक्षता की?

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क्या ओम बिरला ने बारबाडोस में कॉमनवेल्थ सम्मेलन में तकनीक और लोकतंत्र पर कार्यशाला की अध्यक्षता की?

सारांश

ब्रिजटाउन में 68वें कॉमनवेल्थ संसदीय सम्मेलन में ओम बिरला ने तकनीक और लोकतंत्र पर एक कार्यशाला की अध्यक्षता की। यहाँ उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक प्रगति और समावेशी विकास को रेखांकित किया। जानिए इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में और क्या बातें हुईं।

Key Takeaways

  • ओम बिरला ने कॉमनवेल्थ सम्मेलन में तकनीक और लोकतंत्र पर कार्यशाला की अध्यक्षता की।
  • भारत का कॉमनवेल्थ की जनसंख्या में 60 प्रतिशत योगदान है।
  • जलवायु संरक्षण और डिजिटल परिवर्तन पर भारत की पहलें महत्वपूर्ण हैं।

ब्रिजटाउन, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 68वें कॉमनवेल्थ संसदीय सम्मेलन के दौरान 'प्रौद्योगिकी का उपयोग : परिवर्तनों के माध्यम से लोकतंत्र को बढ़ावा देना और डिजिटल विभाजन का सामना करना' विषय पर आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता की। इस महत्वपूर्ण आयोजन में बिरला ने भारत के लोकतंत्र, समावेशी विकास और मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर किया।

ओम बिरला ने उल्लेख किया कि भारत, कॉमनवेल्थ की कुल जनसंख्या का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा है और यह देश लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत कॉमनवेल्थ यूथ प्रोग्राम और कॉमनवेल्थ फंड फॉर टेक्निकल कोऑपरेशन जैसी पहलों में सक्रिय योगदान दे रहा है।

इस पर उन्होंने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में कहा, "भारत को कॉमनवेल्थ यूथ प्रोग्राम और कॉमनवेल्थ फंड फॉर टेक्निकल कोऑपरेशन जैसी पहलों में योगदान देने पर गर्व है।"

कार्यशाला के दौरान, भारत की जलवायु संरक्षण पहलों को भी प्रमुखता से दर्शाया गया। बिरला ने कहा, "हमने कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों को निर्धारित समय से पहले प्राप्त कर लिया है। साथ ही, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और सौर पार्क जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी प्रगति पर हैं।"

इसके अतिरिक्त, उन्होंने डिजिटल परिवर्तन, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने और नागरिक सहभागिता में भारत की प्रगति पर जोर दिया। ओम बिरला ने कहा कि ये पहलें पारदर्शिता, स्थिरता और समावेशी विकास को मजबूती प्रदान करती हैं।

गौरतलब है कि इससे पूर्व ओम बिरला ने बारबाडोस में 68वें कॉमनवेल्थ संसदीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भी हिस्सा लिया, जिसमें विश्वभर के संसद के अध्यक्ष और नेता शामिल हुए। इस सम्मेलन का विषय 'द कॉमनवेल्थ—एक ग्लोबल पार्टनर' था, जो संवाद, सहयोग और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व को दर्शाता है, ताकि एक न्यायसंगत और समावेशी विश्व का निर्माण किया जा सके।

भारत के संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ओम बिरला ने किया है, जो मंगलवार को ब्रिजटाउन, बारबाडोस पहुंचे थे। यह सम्मेलन 12 अक्टूबर तक चलेगा।

इस प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह, लोकसभा सांसद अनुराग शर्मा, डी. पुरंदेश्वरी, के. सुधाकर, राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा, अजीत माधवराव गोपचाडे, लोकसभा सचिवालय के सचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्यसभा के सचिव पीसी मोदी शामिल हैं।

ओम बिरला अपने इस दौरे के दौरान बारबाडोस के नेताओं से मुलाकात करेंगे और वहां के भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों से बातचीत भी करेंगे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि ओम बिरला का योगदान और उनका दृष्टिकोण भारत के लोकतंत्र को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनकी पहलें न केवल भारत की छवि को बढ़ाती हैं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी हमारी सशक्त स्थिति को दर्शाती हैं।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

ओम बिरला ने किस विषय पर कार्यशाला की अध्यक्षता की?
ओम बिरला ने 'प्रौद्योगिकी का उपयोग : परिवर्तनों के माध्यम से लोकतंत्र को बढ़ावा देना और डिजिटल विभाजन का सामना करना' विषय पर कार्यशाला की अध्यक्षता की।
भारत कॉमनवेल्थ सम्मेलन में कितने प्रतिशत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है?
भारत कॉमनवेल्थ की कुल जनसंख्या का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा है।
कार्यशाला के दौरान किन पहलों को उजागर किया गया?
कार्यशाला के दौरान भारत के जलवायु संरक्षण पहलों और डिजिटल परिवर्तन को प्रमुखता से उजागर किया गया।